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देसरी बाजार में पानी के लिए हाहाकार

देसरी : प्रखंड क्षेत्र के मुख्य बाजार देसरी में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस बाजार में प्रखंड क्षेत्र के लोगों के अलावा राजापाकर, जंदाहा, सहदेई बुजुर्ग प्रखंड क्षेत्रों के कईगांवों के लोग बाजार करने, रेलवे स्टेशन, बैंक के कार्य, शिक्षा आदि से संबंधित अन्य कार्य के लिए आते हैं. लेकिन, यहां आनेवाले […]

देसरी : प्रखंड क्षेत्र के मुख्य बाजार देसरी में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. इस बाजार में प्रखंड क्षेत्र के लोगों के अलावा राजापाकर, जंदाहा, सहदेई बुजुर्ग प्रखंड क्षेत्रों के कईगांवों के लोग बाजार करने, रेलवे स्टेशन, बैंक के कार्य, शिक्षा आदि से संबंधित अन्य कार्य के लिए आते हैं.
लेकिन, यहां आनेवाले लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ता है. गरमी के कारण लोगों को प्यास भी अधिक लगती है. जल स्तर गिरने से चापाकल लगातार सूख रहे हैं. इस कारण यहां के लोगों को बोतलबंद पानी खरीद कर पीना पड़ रहा है. देसरी में वर्षों पूर्व लगाया गया जलापूर्ति केंद्र भी बंद पड़ा हुआ है.
जगह-जगह लगाये गये थे नल : यह जलापूर्ति केंद्र 1987 में लगाया गया था, जो क्षेत्र के लोगों को कुछ दिन पानी पिलाने के बाद बंद हो गया. बाद में स्थानीय तत्कालीन विधायक दिवंगत मुंशीलाल राय के पीएचइडी मंत्री बनने पर पुन: चालू कराया गया और देसरी बाजार में सड़कों की दोनों तरफ पाइप लाइन बिछा कर जगह-जगह नल लगाये गये थे, जिससे पीने के लिए पानी की उपलब्धता हो गयी थी.
फिर जब वह मंत्री पद से हटे, तो कुछ ही दिन बाद यह जलापूर्ति केंद्र ठप हो गया, जो आज तक बंद पड़ा है. जलापूर्ति केंद्र से पानी के आपूर्ति के लिए प्रेशर मोटर लगाया गया था, जिसके पार्ट्स भी अब गायब हो गये हैं. कर्मचारियों के रहने के लिए बने कमरे की खिड़की, किवाड़ भी असामाजिक तत्वों की भेंट चढ़ गयी है. विभागीय पदाधिकारी-कर्मचारी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण आज यह जलापूर्ति केंद्र खंडहर में तब्दील होकर रह गया है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पंचायती राज के प्रतिनिधि से लेकर विधायक, सांसद तक आवाज उठाने के बाद भी आज तक किसी को देसरी में पानी की समस्या से कोई लेना-देना नहीं है. इससे क्षेत्र के लोगों में काफी रोष व आक्रोश व्याप्त है. स्थानीय लोगों ने पीएचइडी मंत्री से इस ओर ध्यान देकर जलापूर्ति केंद्र को अविलंब चालू कराने की मांग की है.

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