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मौसम की मार: अस्पतालों में बढ़ी भीड़

रांची : भीषण गरमी के कारण इन दिनों बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं. अस्पतालों में पिछले एक माह में उल्टी, दस्त व डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है. सदर अस्पताल में सुबह से ही ओपीडी में लंबी लाइन लग रही है.ओपीडी में ड्यूटी पर तैनात डॉ आजाद ने बताया कि […]

रांची : भीषण गरमी के कारण इन दिनों बड़ों के साथ-साथ बच्चे भी बीमार पड़ रहे हैं. अस्पतालों में पिछले एक माह में उल्टी, दस्त व डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ी है. सदर अस्पताल में सुबह से ही ओपीडी में लंबी लाइन लग रही है.ओपीडी में ड्यूटी पर तैनात डॉ आजाद ने बताया कि बड़ों के साथ-साथ कई बच्चे भी आ रहे हैं, जिन्हें दस्त की शिकायत है. हिट स्ट्रोक (लू) के मरीज ज्यादा आ रहे हैं.मरीजों का आना लगातार जारी है.

डॉक्टर रीमा बताती हैं कि वैसे तो आम दिनों में डायबिटीज, हाइपरटेंशन व कार्डियक के ज्यादा मरीज यहां आते हैं. पर, इधर कुछ दिनों से डायरिया व हिट स्ट्रोक के ज्यादा मरीज आ रहे हैं. शहर में तकरीबन सभी निजी अस्पतालों की यही स्थिति है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

रिम्स ओपीडी में लू लगने से बीमार मरीज आ रहे हैं. ज्यादातर डायरिया, सर्दी-खांसी के मरीज आ रहे हैं. डॉ उमेश प्रसाद ने बताया कि आम दिनों में तो इस तरह के मरीज नहीं के बराबर आते हैं. गरमी बढ़ने के बाद ऐसे मरीज आ रहे हैं. अभी ऐसे मरीजों की संख्या और बढ़ेगी़.

राज अस्पताल के योगेश गंभीर ने बताया कि इधर, तीन-चार दिनों में ज्यादातर लू के शिकार लोग आ रहे हैं. इमरजेंसी में रोजाना 20 से 25 मरीज आते हैं. इनमें से पांच से सात मरीज डायरिया व लू वाले होते हैं. आर्किड अस्पताल के डॉ भूपेश चांदी ने बताया कि कुछ दिनों से अस्पताल में मरीजों की संख्या बढ़ गयी है. ज्यादातर डायरिया व लू के मरीज आ रहे हैं.
डाभ-तरबूज की बिक्री बढ़ी
कचहरी के पास डाभ लेनेवालों की भीड़ बढ़ गयी है. एक विक्रेता ने कहा कि अभी नारियल पानी के साथ तरबूज, खीरा, ककड़ी की खूब बिक्री हो रही है. आम व बेल के शरबत की भी मांग है.
इस वक्त सबसे ज्यादा खतरा लू का
गरमी में लू (हिट स्ट्रोक) का खतरा सबसे ज्यादा रहता है़ हल्की सी लापरवाही से परेशानी बढ़ सकती है़ तेज बुखार,डीहाइड्रेशन, डायरिया आदि की समस्या हो सकती है़ जेनरल फिजिशियन डॉ विद्यापति ने बताया कि तेज गरमी में हिट स्ट्रोक का खतरा सबसे ज्यादा रहता है़ इससे बचने के लिए अपने शरीर को ढंक कर घर से बाहर निकलें. ज्यादा जरूरी हो, तभी दोपहर में घर से बाहर निकले़ं अपने साथ टोपी, चश्मा, पानी, छाता आदि साथ रखें. वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अमित मोहन बताते हैं कि इस मौसम में पांच साल के बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है़ उल्टी, दस्त, पेट का संक्रमण ज्यादा होता है़ इसलिए काफी सावधानी बरतने की जरूरत है.
इनका खतरा
डीहाइड्रेशन
लू
डायरिया
उल्टी
टायफाइड
गले का इंफेक्शन
तेज बुखार
यह है लक्ष्ण
प्यास ज्यादा
पसीना आना
थकान होना
शरीर में दर्द
शरीर गरम
यह बरतें सावधानी
बाहर जाने से पहले पानी पीयें
धूप से आने के बाद इलेक्ट्रोल पाउडर का इस्तेमाल करें
10-03 बजे तक बाहर न जायें
बाहर में आइस्क्रीम, कोल्ड ड्रिंक, फास्ट फूड न लें
हल्का भोजन करें
सूती व हल्के रंग का कपड़ा पहनें
टोपी चश्मा साथ लेकर चलें
शरीर को ढंक कर रखें
धूप से आकर तुरंत पानी न पीयें
बासी खाना न खायें
बच्चों के लिए जरूरी
उचित मात्रा में पेय पदार्थ दें
बच्चों को ओरआरएस का घोल दें
घर में फ्रेश जूस बना कर पिलायें
पूरा फल खिलाने की कोशिश हो
बासी खाना न दें
हल्के कपड़े पहनायें
सादा खाना आवश्यक है
हरी सब्जियां ज्यादा मात्रा में दें

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