20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

चीन के साथ संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है भारत: पर्रिकर

बीजिंग : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज अपनी पहली चीन यात्रा शुरु करते हुए चीनी समकक्ष जनरल चांग वानक्वान के साथ वार्ताएं कीं. उन्होंने कहा कि भारत चीन के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और इन संबंधों को आगे बढाने के लिए प्रतिबद्ध है. दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की वार्ताओं की […]

बीजिंग : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज अपनी पहली चीन यात्रा शुरु करते हुए चीनी समकक्ष जनरल चांग वानक्वान के साथ वार्ताएं कीं. उन्होंने कहा कि भारत चीन के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और इन संबंधों को आगे बढाने के लिए प्रतिबद्ध है.

दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों की वार्ताओं की शुरुआत से पहले पर्रिकर ने चांग से कहा, ‘भारत चीन के साथ संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देता है और वह चीन के साथ मित्रतापूर्ण एवं सहयोगात्मक संबंधों को और अधिक विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है.’ चीनी सेना के मुख्यालय पर पीएलए के सैनिकों के एक दस्ते ने पर्रिकर का स्वागत किया.

पर्रिकर का स्वागत करते हुए चांग ने कहा, ‘उम्मीद करते हैं कि आपकी यात्रा से दोनों सशस्त्र बलों के बीच आपसी रणनीतिक विश्वास में सुधार आएगा.’ चांग के साथ बैठक के बाद पर्रिकर केंद्रीय सैन्य आयोग (सीएमसी) के उपाध्यक्ष जनरल फान चांगलांग के साथ बातचीत करेंगे.

चीनी सेना में पदों के अनुक्रम के अनुसार जनरल फान अपेक्षाकृत उंचे स्तर पर हैं क्योंकि सीएमसी 23 लाख जवानों वाली पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का प्रमुख है. वह चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग से भी बात करेंगे और चीन के पश्चिमी कमान सैन्य मुख्यालय पर भी जाएंगे. चेंगदू स्थित इस मुख्यालय के अधिकार क्षेत्र में भारत के साथ लगने वाली पूरी सीमाएं आती हैं.

चीनी सेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ पर्रिकर की वार्ताओं के दौरान बार-बार घुसपैठ की घटनाओं, सीमा गश्ती दलों के बीच तनाव घटाने के समझौते के कार्यान्वयन और चीन एवं भारत की रणनीतिक चिंताओं को उठाया जा सकता है.

भारतीय अधिकारियों ने कहा कि वार्ताओं में द्विपक्षीय संबंधों के हर पहलू की समीक्षा की संभावना है. चीनी सैनिकों द्वारा विशेष तौर पर लद्दाख क्षेत्र में उग्र गश्त किए जाने को लेकर भारत की चिंताएं अब भी बहुत ज्यादा हैं. चीन किसी भी घुसपैठ से इंकार करता है. वह दावा करता है कि उसके सैनिक 3488 किलोमीटर की विवादित सीमा पर अपने क्षेत्र के भीतर आने वाले इलाकों की गश्त करते हैं.

दोनों सेनाओं को एक दूसरे की सेनाओं द्वारा दूसरे देशों के साथ सैन्य संबंध स्थापित करने के मुद्दे पर भी रणनीतिक चिंताएं हैं. पर्रिकर की यात्रा से पहले चीन ने संकेत दिया था कि वह सैन्य अड्डों को अमेरिका के साजोसामान के लिए खोलने के भारत के हाल के निर्णय और विमान प्रौद्योगिकी साझा करने संबंधी समझौता करने के प्रयासों के मामले को भी उठा सकता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें