नयी दिल्ली : थोकमूल्य आधारित मुद्रास्फीति लगातार 17वें महीने मार्च में भी शून्य से नीचे रही और खास कर दाल दलहनों सहित कुछ खाद्य उत्पादों में तेजी के चलते आलोच्य माह में हल्की चढ कर शून्य से 0.85 प्रतिशत नीचे रही. थोक मुद्रास्फीति फरवरी में शून्य से 0.91 प्रतिशत नीचे और पिछले साल मार्च में यह शून्य से 2.33 प्रतिशत नीचे थी. नवंबर 2014 से थोक मुद्रास्फीति शून्य से नीचे है. थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित आज जारी ताजा आधिकारिक आंकडों के अनुसार मार्च में खाद्य मुद्रास्फीति बढ कर 3.73 प्रतिशत रही. फरवरी में यह 3.35 प्रतिशत थी.
मार्च में सब्जियों के थोक दाम सालाना आधार पर 2.26 प्रतिशत नीचे रहे जबकि दाल दलहन के भाव 34.45 प्रतिशत ऊंचे बताये गये. इस दौरान प्याज और फलों की कीमत घटी इनसे संबंधित मूल्य सूचकांकों में क्रमश: 17.65 प्रतिशत और 2.13 प्रतिशत की कमी आयी. मार्च में ईंधन एवं ऊर्जा खंड में मुद्रास्फीति शून्य से 8.30 प्रतिशत नीचे और विनिर्मित उत्पादों की मंहगाई दर मार्च में शून्य से 0.13 प्रतिशत से कम रही.
जनवरी की थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति को संशोधित कर शून्य से 1.07 प्रतिशत नीचे कर दिया गया जो अस्थाई अनुमान के मुताबिक शून्य से 0.90 प्रतिशत कम थी. रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति का रख तय करते हुए मुख्य तौर पर खुदरा मूल्य आधारित मुद्रास्फीति के आंकडे पर नजर रखता है.
खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में घटकर छह प्रतिशत के न्यूनतम स्तर 4.83 प्रतिशत पर आ गई. आरबीआई ने इस महीने अपनी नीतिगत ब्याज दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की और अनुमान जताया कि चालू वित्त वर्ष के दौरान खुदरा मुद्रास्फीति करीब पांच प्रतिशत रहेगी.
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