बिचौलिये ले रहे मजबूरी का लाभ
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लापरवाही . जिले में नहीं शुरू हुई गेहूं की खरीदारी, किसान परेशान
बिचौलिये ले रहे मजबूरी का लाभ किसान औने-पौने दाम पर गेहूं बेचने के लिए विवश डंडखोरा किसान मंच के अध्यक्ष सुबोध विश्वास ने कहा कि किसानों के समक्ष हमेशा ही संकट की स्थिति रही है. सरकार सिर्फ घोषणा करती है. अब तक गेहूं के समर्थन मूल्य पर खरीदारी शुरू नहीं हुई है. किसान ललन मंडल […]
किसान औने-पौने दाम पर गेहूं बेचने के लिए विवश
डंडखोरा किसान मंच के अध्यक्ष सुबोध विश्वास ने कहा कि किसानों के समक्ष हमेशा ही संकट की स्थिति रही है. सरकार सिर्फ घोषणा करती है. अब तक गेहूं के समर्थन मूल्य पर खरीदारी शुरू नहीं हुई है. किसान ललन मंडल ने कहा कि जब तक सरकार गेहूं खरीदना शुरू करेगी, तब तक किसानों के यहां का गेहूं बिक चुका होगा. प्रगतिशील किसान राम बिहारी सिंह ने कहा कि पिछले साल भी सरकार ने इसी तरह की घोषणा की थी,
लेकिन गेहूं की खरीद नहीं हुई. जिला संघर्ष जन मोरचा के अध्यक्ष व प्रगतिशील किसान प्रो राजेंद्र नाथ मंडल ने कहा कि सरकार की घोषणा की हवा निकल जाती है. धान खरीद में भी यही हुआ था. अब सरकार गेहूं खरीद की घोषणा की है. दरअसल सरकार किसानों के प्रति ईमानदारी से पहल नहीं करती. किसान कादिर खान व बशीर अंसारी ने कहा कि सरकार के समर्थन मूल्य से किसान को फायदा कम पहुंचता है. इससे व्यापारी ज्यादा मालामाल होते हैं.
जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदारी शुरू नहीं हुई है. इससे किसानों में हताशा की स्थिति है तथा वे औने-पौने दाम में गेहूं बेचने पर विवश हैं. राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 1525 रुपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय केंद्र के माध्यम से किसानों से गेहूं खरीदने की घोषणा की गयी है, लेकिन अब तक जिले में न तो गेहूं की खरीदारी शुरू हुई है और न ही गेहूं खरीदने को लेकर क्रय केंद्र ही खोले गये हैं. पिछले वर्ष भी किसानों के साथ यही स्थिति रही थी.
कटिहार : राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीददारी की घोषणा करने के बाद भी जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में गेहूं की खरीदारी शुरू नहीं हुई है. समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदारी शुरू नहीं होने पर किसानों में हताशा की स्थिति है तथा वे औने-पौने दाम में गेहूं बेचने पर विवश हैं. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा समर्थन मूल्य 1525 रुपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय केंद्र के माध्यम से किसानों से गेहूं खरीदने की घोषणा की गयी है,
लेकिन अब तक जिले में न तो गेहूं की खरीदारी शुरू हुई है और न ही गेहूं खरीदने को लेकर क्रय केंद्र ही खोले गये हैं. हालांकि पिछले वर्ष भी किसानों के साथ यही स्थिति रही थी. जब तक सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद शुरू हुई, तब तक किसानों के घर से गेहूं व्यापारी के यहां पहुंच चुका था. समर्थन मूल्य पर प्रभात खबर ने रविवार को विभिन्न स्थलों पर पड़ताल की. प्रभात खबर के पड़ताल में यह बात सामने आयी कि कहीं भी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद नहीं हो रही है. यहां तक कि विभागीय अधिकारी भी इस मामले में उदासीन बने हुए हैं.
80 फीसदी से अधिक गेहूं तैयार
पिछले वर्ष की तरह ही इस बार भी किसान औने-पौने दाम में गेहूं बेचने को विवश हैं, जबकि राज्य सरकार ने समर्थन मूल्य पर किसानों से गेहूं खरीदने की घोषणा की है. किसान फिलहाल 1100 से 1200 रुपये प्रति क्विंटल गेहूं बेचने को विवश हैं. जानकारी के मुताबिक 80 फीसदी से अधिक किसानों का गेहूं तैयार हो चुका है. किसान स्थानीय छोटे व्यापारियों और बिचौलियों के माध्यम से आर्थिक संकट से मुक्ति पाने के लिए औने-पौने दाम पर गेहूं बेचना शुरू कर दिये हैं.
अब तक नहीं खुले क्रय केंद्र
जिले में क्रय केंद्र खोल कर किसानों से समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदने का निर्देश राज्य सरकार द्वारा दिया गया है. पर, रविवार तक जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में एक भी क्रय केंद्र नहीं खुला है. जब क्रय केंद्र ही नहीं खुला, तो किसानों से गेहूं खरीद समर्थन मूल्य पर कैसे किया जायेगा. इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है. जब तक क्रय केंद्र के माध्यम से किसानों से गेहूं खरीदने की प्रक्रिया शुरू होगी, तब तक किसानों के घर से गेहूं व्यापारियों के गोदाम में पहुंच चुका होगा.
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