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राकोमसं महामंत्री का फैसला भगवान ही कर सकते : रेड्डी
धनबाद: इंटक महामंत्री राजेंद्र सिंह गुट के विरोध को दरकिनार करते हुए अध्यक्ष डॉ संजीवा रेड्डी ने चौबे गुट आरसीएमएस के महामंत्री ललन चौबे को केंद्रीय कमेटी में स्थायी आमंत्रित सदस्य बना दिया है. राजेंद्र गुट आरसीएमएस के महामंत्री एके झा, मन्नान मलिक, ब्रजेंद्र सिंह, अजबलाल शर्मा, संतोष महतो भी स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाये गये […]
धनबाद: इंटक महामंत्री राजेंद्र सिंह गुट के विरोध को दरकिनार करते हुए अध्यक्ष डॉ संजीवा रेड्डी ने चौबे गुट आरसीएमएस के महामंत्री ललन चौबे को केंद्रीय कमेटी में स्थायी आमंत्रित सदस्य बना दिया है. राजेंद्र गुट आरसीएमएस के महामंत्री एके झा, मन्नान मलिक, ब्रजेंद्र सिंह, अजबलाल शर्मा, संतोष महतो भी स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाये गये हैं. श्री चौबे को कमेटी में स्थान मिलने से राजेंद्र समर्थकों में खलबली मची हुई है. जानकारों की मानें तो डॉ रेड्डी ने चौबे को कमेटी में स्थान देकर राजेंद्र गुट को झटका दिया है.
पूरा मामला : राजेंद्र सिंह एवं ददई दुबे में 2006 में विवाद होने पर श्री चौबे ददई के साथ हो गये. वे ददई गुट आरसीएमएस के महामंत्री बने. 2014 में ददई दुबे से विवाद होने पर ललन चौबे ने ददई दुबे वगैरह को संघ से निकालते हुए अपनी कमेटी बनायी और महामंत्री बने. झारखंड ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार के यहां तीनों गुटों ने बी फार्म में दर्ज करने के लिए आवेदन दिया. आरसीएमएस को लेकर मामला रांची हाइकोर्ट में भी लंबित है. रजिस्ट्रार ने तीनों के आवेदन को अस्वीकार कर निर्णय होने तक ललन चौबे के महामंत्री वाली कमेटी को रहने दिया. 4 से 6 दिसंबर तक इंटक का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में हुआ. उसमें ललन चौबे ने भी भाग लिया. राजेंद्र समर्थक कहते रहे कि चौबे एेसे ही शरीक हुए थे, न कि डेलिगेट के रूप में. अब जब श्री चौबे कमेटी में शामिल हो गये तो राजेंद्र समर्थक कुछ बोलने से बच रहे हैं. श्री चौबे ने डॉ संजीवा रेड्डी के समक्ष जेबीसीसीआइ में प्रतिनिधित्व का भी दावा किया है.
रेड्डी ने कहा : श्री चौबे के मामले में जब डॉ संजीवा रेड्डी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि साथ चलना चाहते हैं तो छोड़ तो नहीं सकते न. चलें साथ. यह पूछने पर कि श्री चौबे और एके झा दोनों आरसीएमएस महामंत्री होने का दावा करते हैं तो डा. रेड्डी ने कहा महामंत्री का कई लोग क्लेम कर रहे हैं. मामला कोर्ट में है. जब कोर्ट फैसला नहीं कर पा रहा है तो हम कैसे कर सकते हैं. आरसीएमएस महामंत्री का फैसला तो अब भगवान ही कर सकता है.
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