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गड़बड़ी. पीएजी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा, ठेकेदार से 3.77 करोड़ नहीं वसूले

रांची : फाॅरेस्ट क्लियरेंस नहीं मिलने से गुआ-सलाइ सड़क के चौड़ीकरण का काम बंद है. सड़क पर 22.5 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं. इंजीनियरों ने रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिये गये अग्रिम में से 3.77 करोड़ की वसूली नहीं की. ठेकेदार ने नक्सलियों द्वारा पहुंचाये गये नुकसान के लिए सरकार पर तीन करोड़ […]

रांची : फाॅरेस्ट क्लियरेंस नहीं मिलने से गुआ-सलाइ सड़क के चौड़ीकरण का काम बंद है. सड़क पर 22.5 करोड़ रुपये खर्च किये जा चुके हैं. इंजीनियरों ने रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिये गये अग्रिम में से 3.77 करोड़ की वसूली नहीं की. ठेकेदार ने नक्सलियों द्वारा पहुंचाये गये नुकसान के लिए सरकार पर तीन करोड़ का दावा किया है. प्रधान महालेखाकार ने सड़क निर्माण का ऑडिट करने के बाद सरकार को इससे संबंधित जानकारी दी है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने वर्ष 2014 में गुआ-सलाइ सड़क के तीन से नौ किलोमीटर तक के चौड़ीकरण योजना को प्रशासनिक स्वीकृति दी थी. हालांकि टेंडर तीन से 11 किलोमीटर के लिए निकाला गया. इसमें पांच ठेकेदारों ने हिस्सा लिया था. टेंडर कमेटी ने जांच-पड़ताल के बाद रामकृपाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ 75.86 करोड़ की लागत से चौड़ीकरण का काम पूरा करने के लिए एकरारनामा किया.

एकरारनामे के तहत काम को सितंबर 2016 में पूरा करना है. सरकार ने सारंडा जंगल के क्षेत्र से गुजरनेवाली इस सड़क को चौड़ा करने के लिए फाॅरेस्ट क्लियरेंस नहीं लिया. काम शुरू होने के बाद कार्यपालक अभियंता ने सारंडा वन प्रमंडल से पत्राचार शुरू किया. हालांकि सारंडा जंगल के क्षेत्र में सड़क की चौड़ाई 10.2-12.7 मीटर से बढ़ा कर 20-30 मीटर करने की अनुमति नहीं मिली. इससे ठेकेदार ने नवंबर 2015 में काम बंद कर दिया. इससे सड़क चौड़ीकरण योजना पर किया गया 22.5 करोड़ रुपये का खर्च बेकार हो गया. शेष राशि भी डूब ही गयी है और सरकार को नुकसान हुआ है.
उलटे ठेकेदार ने ही ठोका तीन करोड़ का दावा
रिपोर्ट में कहा गया है कि निविदा शर्तों के आलोक में सरकार ने ठेकेदार को 7.85 करोड़ रुपये का अग्रिम दिया था. इस राशि की वसूली सूद सहित ठेकेदार को काम के बदले किये जानेवाले भुगतान के दौरान ही वसूलने का प्रावधान है, पर पथ प्रमंडल के इंजीनियर ने ठेकेदार को भुगतान के समय अग्रिम की आंशिक वसूली की. इससे उसे दिये गये अग्रिम में से 3.77 करोड़ रुपये की वसूली नहीं हो सकी. अब तो ठेकेदार ने एकरारनामे की शर्तों के अनुसार सरकार पर तीन करोड़ रुपये का दावा ठोका है. एकरारनामे में कुछ विशेष परिस्थितियों में ठेकेदार को हुए नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा करने का प्रावधान है.

इस प्रावधान के आलोक में ठेकेदार ने 30 और 31 जनवरी 2016 को नक्सलियों द्वारा गाड़ियों काे जलाने से हुए नुकसान के लिए सरकार पर तीन करोड़ रुपये का दावा किया है.

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