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सर, पास कर दीजिएगा, शादी टूट जायेगी

अजीब. मैट्रिक की कॉपियों की जांच के दौरान परीक्षकों को मिल रहे अनोखे आग्रह भभुआ (नगर) : ‘गुरुजी तीन साल से परीक्षा दे रही हूं, इस बार आखिरी मौका है, पास कर दीजिए, नहीं तो कहीं की नहीं रहूंगी. सर मैं आपके बेटे की तरह हूं. देखिए कम से कम पास नंबर देजिएगा. इस बार […]

अजीब. मैट्रिक की कॉपियों की जांच के दौरान परीक्षकों को मिल रहे अनोखे आग्रह
भभुआ (नगर) : ‘गुरुजी तीन साल से परीक्षा दे रही हूं, इस बार आखिरी मौका है, पास कर दीजिए, नहीं तो कहीं की नहीं रहूंगी. सर मैं आपके बेटे की तरह हूं. देखिए कम से कम पास नंबर देजिएगा.
इस बार तो नकल का सहारा भी नहीं मिला, सर जी मेरी शादी टूट जायेगी’. ‘सर जी अनाथ हूं पास कर दीजिएगा. भगवान आपको दुआएं देंगे’. ‘सर जी जिंदगी का सवाल है’. चौकिए मत, ये तमाम डॉयलाग मैट्रिक की कॉपियों से निकल रहे हैं. मैट्रिक की कॉपियों में परीक्षकों को प्रभावित करने के लिए परीक्षार्थियों ने एक से बढ़ कर एक हथकंडे अपनाये हैं. मैट्रिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य जिला मुख्यालय स्थित दो मूल्यांकन केंद्रों पर जोर-शोर से चल रहा है. इस दरम्यान परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं में मिन्नतों की भरमार दिख रही है.
परीक्षार्थियों ने अपने-अपने तरीके से परीक्षकों को प्रभावित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है. किसी ने शादी का हवाला दिया, तो किसी ने अनाथ होने की बात कही है. हद तो यह है कि परीक्षको को प्रभावित करने के लिए कई परीक्षार्थियों ने उत्तर पुस्तिकाओं में कड़े-कड़े नोट भी डाल रखे हैं, तो कई परीक्षार्थियों ने अपने मोबाइल नंबर अंकित किये हैं. गुरुजी को उस पर संपर्क करने का आग्रह किया गया है. परीक्षार्थियों के इस हथकंडों से परीक्षक प्रभावित हो या न हो, लेकिन परीक्षार्थी हंसी के पात्र जरूर बन रहे हैं. बहरहाल कॉपियों से निकल रहे पैसों से गुरुजी के चाय नाश्ते का इंतजाम आसानी हो रहा है.
सब्जेक्ट के अनुसार रखे नोट : जैसा देव वैसी पूजा. कहवात को चरितार्थ करते हुए परीक्षार्थियों ने विषय के महत्व के अनुसार उसमें नोट डाले हैं. नाम नहीं प्रकाशित करने के शर्त पर एक परीक्षक ने बताया हिंदी जैसे विषय में 100 के नोट निकल रहे हैं, लेकिन गणित व विज्ञान में 500 सौ से लेकर 1000 के नोट किसी-किसी कॉपी में निकल रहे हैं. वहीं परीक्षा में पूछे गये प्रश्नों का जवाब नहीं आने पर पूरा का पूरा प्रश्न पत्र ही उत्तर पुस्तिका में है और गुरूजी से पास होने की गुहार लगायी है.
क्या होता है परीक्षकों पर असर
परीक्षकों का कहना है कि जिन कॉपियों में इस तरह के आरजू मिन्नत को परीक्षार्थियों द्वारा अपनाया गया है. वे सिर्फ हंसी के पात्र बनते हैं. कॉपियों में अगर कुछ लिखा होता है] तो नंबर देने की गुंजाइश भी रहती है. पर, इस प्रकार की तिकड़बाजी का परीक्षार्थी सिर्फ अपना नुकसान ही करते हैं.
ऐसी-ऐसी मिन्नतें कर रहे परीक्षार्थी
‘गुरुजी तीन साल से परीक्षा दे रही हूं, इस बार आखिरी मौका है, पास कर दीजिए
‘सर, मैं आपके बेटे की तरह हूं, देखिए कम से कम पास नंबर दे दीजिएगा’
‘सर जी अनाथ हूं पास कर दीजिएगा. भगवान आपको दुआएं देंगे’.
परीक्षार्थियों ने प्रश्नों का जवाब भी अजीबो-गरीब अंदाज में दिया है. एक परीक्षक ने बताया कि किसी पेपर में बढ़ती महंगाई पर लिखने के लिए आया, तो बच्चों ने ‘सखी सइया तो बहुते कमात हैं, महंगाई डायन खाय जात है’. इस गाने का जिक्र करते हुए प्रश्न का जवाब दिया है. इसी तरह कई परीक्षार्थियों ने भी अपने दिमाग का इस्तेमाल किया है और प्रश्नों का सही जवाब न आने बाद भी उसे हल करने का अधूरा प्रयास किया है.

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