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रिम्स में एक लाख में घुटना प्रत्यारोपण

रांची: घुटने की गंभीर पीड़ा झेल रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है़. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में घुटना प्रत्यारोपण (नी-रिप्लेसमेंट) की सुविधा फिर से शुरू हो गयी है़ रिम्स में मरीजों का निजी अस्पतालों से आधे खर्च पर घुटना प्रत्यारोपण का ऑपरेशन किया जा रहा है़ यहां मरीजों काे घुटना प्रत्यारोपण […]

रांची: घुटने की गंभीर पीड़ा झेल रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है़. राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में घुटना प्रत्यारोपण (नी-रिप्लेसमेंट) की सुविधा फिर से शुरू हो गयी है़ रिम्स में मरीजों का निजी अस्पतालों से आधे खर्च पर घुटना प्रत्यारोपण का ऑपरेशन किया जा रहा है़ यहां मरीजों काे घुटना प्रत्यारोपण में एक लाख रुपये का खर्च पड़ रहा है़.

वहीं निजी अस्पताल में इसके लिए ढाई से तीन लाख रुपये देना पड़ता है़ रिम्स के हड्डी विभाग ने डॉ एलबी मांझी की टीम की देखरेख में बुधवार को नामकुम की आरती टोप्पो के दाहिने घुटने का प्रत्यारोपण (नी-रिप्लेसमेंट) किया़ मरीज ऑपरेशन के बाद पूरी तरह स्वस्थ है़ उसे कॉटेज संख्या चार में भरती किया गया है़.

ऑपरेशन में ये थे शामिल : डाॅ एलबी मांझी, डॉ शशिकांत सुमन, डॉ विभष, डॉ शशि सिंह, डॉ रविजीत, डॉ राजकुमार, डॉ दीवित एवं एनेस्थेटिक डॉ मुकेश व डॉ ठाकुर आदि.
20 मरीजों का हुआ है टोटल हीप रि-प्लेसमेंट : रिम्स के हड्डी विभाग द्वारा टोटल हीप रि-प्लेसमेंट भी शुरू हो गया है़ चिकित्सकों द्वारा अभी तक 20 से ज्यादा मरीजों का हीप रिप्लेसमेंट किया जा चुका है़ मरीजों का आॅपरेशन निजी अस्पतालों से आधी कीमत पर किया जाता है़
जानकारी के अनुसार महिला आरती जटिल गठिया की बीमारी से पीड़ित थी, जिससे उसका चलना भी मुश्किल हो गया था़ डायबिटिज मरीज होने के कारण उसका प्रत्यारोपण चिकित्सक करने से हिचकिचाते थे़ डाॅ एलबी मांझी की ओपीडी में मरीज चिकित्सीय परामर्श के लिए आयी थी़ आवश्यक जांच के बाद चिकित्सकों ने पाया कि उसके दोनों घुटने के प्रत्यारोपण की जरूरत है़ इसके बाद ऑपरेशन करने का निर्णय लिया गया़
महिला का दोनों घुटना खराब था़ प्रत्यारोपण के अलावा कोई और विकल्प नहीं था़ प्रथम चरण में दाहिने घुटने का ऑपरेशन किया गया है. अगली बार बायें घुटने का ऑपरेशन किया जायेगा़ एक प्रत्यारोपण में करीब एक लाख रुपये का खर्च आता है़ वहीं निजी अस्पताल में इसके लिए ढाई से तीन लाख रुपये देना पड़ता है़
डॉ एलबी मांझी, विभागाध्यक्ष, हड्डी विभाग

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