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कोर्ट ने बीसीसीआई से पूछा, क्या पुणे से स्थानांतरित हो सकते हैं आईपीएल मैच

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने आज बीसीसीआई से पूछा कि क्या वह महाराष्ट्र में पानी के संकट को देखते हुए आईपीएल मैच पुणे से स्थानांतरित कर सकता है जबकि इससे पहले क्रिकेट बोर्ड ने कहा कि वह मुंबई और पुणे के पिचों के रखरखाव के लिए सीवेज के साफ किए हुए पानी का इस्तेमाल […]

मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने आज बीसीसीआई से पूछा कि क्या वह महाराष्ट्र में पानी के संकट को देखते हुए आईपीएल मैच पुणे से स्थानांतरित कर सकता है जबकि इससे पहले क्रिकेट बोर्ड ने कहा कि वह मुंबई और पुणे के पिचों के रखरखाव के लिए सीवेज के साफ किए हुए पानी का इस्तेमाल करेगा.

न्यायमूर्ति वीएम कनाडे और एमएस कार्निक की पीठ ने एनजीओ लोकसत्ता मूवमेंट की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बीसीसीआई को कल तक जवाब देने को कहा है. जनहित याचिका में राज्य में सूखे जैसी स्थिति के बावजूद स्टेडियम में बड़े पैमाने पर पानी के इस्तेमाल को चुनौती दी गई है.

अदालत ने साथ ही बीसीसीआई से पूछा कि क्या वे मुख्यमंत्री सूखा राहत कोष में योगदान दे सकते हैं. बीसीसीआई ने कहा कि उसने आईपीएल टूर्नामेंट के लिए अब तक प्रत्येक दिन स्टेडियमों में 40 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की है. इस पर न्यायाधीशों ने कहा कि क्या वे इतने ही पानी की आपूर्ति पुणे और इसके आस पास पानी की कमी से जूझ रहे गांवों में करने को तैयार हैं.

सुनवाई के दौरान क्रिकेट बोर्ड के वकील रफीक दादा ने पीठ को सूचित किया कि बीसीसीआई ने मुंबई और पुणे में होने वाले आईपीएल मैचों के लिए सीवेज का साफ किया पानी हासिल करने के लिए रायल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब (आरडब्ल्यूआईटीसी) से समझौता किया है.

बीसीसीआई के वकील दादा ने अदालत को बताया कि पुणे में आईपीएल के नौ जबकि मुंबई में आठ मैचों का आयोजन होना है जबकि यहां वानखेडे स्टेडियम में नौ अप्रैल को पहला मैच हो चुका है. दादा ने कहा कि नागपुर में तीन मैच होने हैं और अगर उच्च न्यायालय कहता है तो आईपीएल फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब ये मैच मोहाली या कहीं और स्थानांतरित करने को तैयार है.

दादा ने बताया कि रोजाना सीवेज के साफ किए गए पानी के सात से आठ टैंकर स्टेडियम भेजे जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि सीवेज के साफ किए पानी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाना चाहिए क्योंकि साफ किए जाने के बाद इसे समुद्र में बहा दिया जाता है और यह बर्बाद हो जाता है.

बीसीसीआई के वकील ने कहा, ‘‘इस मामले में सीवेज का साफ किया पानी समुद्र में छोड़ने की जगह हम इसका इस्तेमाल स्टेडियमों में कर रहे हैं.’ पीठ ने साथ ही आरडब्ल्यूआईटीसी से पूछा कि क्या वह शपथ पत्र देने को तैयार है कि वह पुणे में मैदान के रखरखाव के लिए सीवेज के साफ किए पानी की आपूर्ति करेगा या नहीं. बीसीसीआई के वकील ने कहा कि उच्च न्यायालय के स्टेडियमों में पानी के इस्तेमाल के लिए बीसीसीआई को फटकार लगाने के बाद बोर्ड ने इस मुद्दे को काफी गंभीरता से लिया है.

भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के वकील रफीक दादा ने कहा, ‘‘हमने पुणे और मुंबई में खेले जाने वाले आईपीएल मैचों के लिये सीवेज का साफ किया हुआ पानी खरीदने के लिये रॉयल वेस्टर्न इंडिया टर्फ क्लब (आरडब्ल्यूआईटीसी) से करार किया है. ‘ न्यायमूर्ति वी एम कनाडे और एम एस कार्णिक की पीठ गैर सरकारी संगठन लोकसत्ता आंदोलन द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी, जिसमें राज्य में सूखे के बावजूद स्टेडियमों में भारी मात्रा में पानी के इस्तेमाल को चुनौती दी गयी थी.

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नौ क्रिकेट मैच पुणे और आठ मुंबई में खेले जायेंगे. बीसीसीआई के वकील ने अदालत को बताया कि मुंबई में आठ में से एक मैच पहले ही आयोजित किया जा चुका है. तीन मैच नागपुर में आयोजित किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि आईपीएल फ्रेंचाइजी किंग्स इलेवन पंजाब ने मोहाली या अन्य किसी जगह मैच आयोजित कराने पर सहमति जता दी है, अगर उच्च न्यायालय उनसे ऐसा कहता है तो. दादा ने कहा कि हर दिन स्टेडियमों को सीवेज के साफ किये हुए सात-आठ टैंकर पानी की आपूर्ति की जायेगी.

दादा ने कहा कि सीवेज के साफ किये हुए पानी के इस्तेमाल के विचार को प्रेरित किया जाना चाहिए क्योंकि सीवेज के पानी को साफ करके इसे समुद्र में बहा दिया जाता है और यह बर्बाद हो जाता है. बीसीसीआई के वकील ने कहा, ‘‘इस मामले में, सीवेज के साफ किये हुए पानी को समुद्र में बहाने के बजाय हम इसका इस्तेमाल स्टेडियमों में कर रहे हैं. ‘

उच्च न्यायालय ने पिछली सुनवाई में मैदानों के लिये भारी मात्रा में पानी के इस्तेमाल के लिये बीसीसीआई की काफी खिंचाई की थी. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में सूखे के हालात को देखते हुए बीसीसीआई ने स्टेडियमों में पानी के इस्तेमाल के मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया.

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में अभूतपूर्व जलसंकट जारी है. ऐसे में वहां आईपीएल के आयोजन पर सवाल खड़े किये जा रहे हैं, क्योंकि पिच के रखरखाव के लिए अत्यधिक जल की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में कोर्ट ने बीसीसीआई को मैच के आयोजन को लेकर फटकार भी लगायी थी. हालांकि बाद में कोर्ट ने वानखेड़े स्टेडियम में मैच के आयोजन को हरी झंडी दिखा दी थी.

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