पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि अपनी सरकार के पूर्ण शराबबंदी के निर्णय को लेकर वह मानवीय दृष्टिकोण रखते हैं और आज शराबबंदी के लिये तमिलनाडु एवं झारखंड में मांग की जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के समय हमने सभी पहलुओं पर विचार किया था. हम लोगों का नजरिया मानवीय दृष्टिकोण वाला है. हम लत छुड़ाना चाहते हैं. हम शराब के खिलाफ है. व्यक्ति के खिलाफ नहीं. गलती करने पर दण्ड कानून के अनुरूप दिया जायेगा.
हम मदद के लिये तैयार हैं
शराब की लत से किसी की मृत्यु होने के संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि मृत व्यक्ति के परिजनों को जरूरी सहायता दी जायेगी. उन्होंने कहा कि शुरुआती दौर में सभी जिलों में लोगों को शराब की लत छुड़ाने के लिये शराब मुक्ति केंद्र की स्थापना की गयी है, जहां पर चिकित्सा और काउंसलिंग लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है. इसकी मांग को देखते हुये हमने स्वास्थ्य विभाग को केंद्रों की संख्या तथा बिस्तर बढ़ाने का आदेश दिया है जिस पर कार्य शुरू हो गया है.
पर्यटन उद्योग पर प्रभाव नहीं
शराबबंदी से पर्यटन उद्योग पर प्रभाव के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे यहां अधिकांश धार्मिक पर्यटक होते हैं. पर्यटकों की संख्या पर इससे कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर शराब पीना है तो यहां मत आये. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी से लोगों का जीवन स्तर बढ़ेगा तथा बिहार में अन्य व्यापार बढ़ेंगे. शराबबंदी से घरेलू हिंसा समाप्त होगी तथा सामाजिक लाभ मिलेगा.
पूरा बिहार है पक्ष में
उन्होंने कहा कि हमने सोच-समझकर शराबबंदी का निर्णय लिया है जिसे बिहार में पूर्ण समर्थन मिला है. साथ ही पूरे देश में समर्थन मिल रहा है. आज तमिलनाडु, झारखंड आदि प्रदेशों में शराबबंदी की मांग की जा रही है. नीतीश ने कहा कि बिहार से एक ऐसी जन आन्दोलन की ज्वाला निकली है जो पूरे देश में धीरे-धीरे लागू होगी. उन्होंने सभी को जनमत के साथ मिलकर चलने की बात करते हुए कहा कि शराबबंदी के पक्ष में पूरा बिहार है.