आस्था का केंद्र है औंगारी धाम
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छठ करने के लिए राज्य समेत अन्य राज्यों से आते हैं लोग
आस्था का केंद्र है औंगारी धाम एकंगरसराय : सूर्योपासना का महान केंद्र औंगारीधाम में चार दिवसीय छठ व्रत को लेकर श्रद्धालुओं का यहां पहुंचना शुरू हो गया है. नहाय-खाय के बाद सोमवार को खरना का प्रसाद छठव्रती महिलाएं यहां बनायेंगी. इसको लेकर आज भारी संख्या में छठ व्रतधाती औंगारीधाम पहुंची और नहाय-खाय का प्रसाद बना […]
एकंगरसराय : सूर्योपासना का महान केंद्र औंगारीधाम में चार दिवसीय छठ व्रत को लेकर श्रद्धालुओं का यहां पहुंचना शुरू हो गया है. नहाय-खाय के बाद सोमवार को खरना का प्रसाद छठव्रती महिलाएं यहां बनायेंगी. इसको लेकर आज भारी संख्या में छठ व्रतधाती औंगारीधाम पहुंची
और नहाय-खाय का प्रसाद बना कर सूर्योंपासना के व्रत का शुभारंभ किया. यह सूर्यधाम भगवान अंगारक के नाम से प्रसिद्ध हुआ और धीरे-धीरे यह औंगारी धाम के रूप में कलांतर में प्रख्यात हुआ. कार्तिक एवं चैत महीने में छठ व्रत करने के लिए भारत के कोने-कोने से लोग यहां आते हैं. सूर्य भगवान के दर्शन से अनुभव होता है कि इनके अंदर से दिव्य प्रकाश प्रस्फुटित हो रहे हैं. इनके बगल में इनके सहचर देव भगवान विष्णु की अद्भुत प्रतिमा है.
सूर्य और विष्णु के अनेकों रूपों के साथ 18 अन्य ब्रह्मा, गणेश, शंकर, पार्वती, दुर्गा व सरस्वती सहित कई देवी-देवताओं की भी प्रतिमाएं विराजमान है. लोगों का मानना है कि द्वापर युग से आज तक यहां से न जाने कितने व्यक्तियों की मनसा, लालसा इनके पूजन से प्राप्त हुए है.
जहां तक इस मंदिर की स्थापना की बात आयी तो इस संबंध में जनश्रुति है कि भगवान श्री कृष्ण का पौत्र साम्ब सौंदर्य में कृष्ण के समतुल्य थे, वे भूलवश गोपियों के बीच भगवान श्री कृष्ण को मिलने के उद्देश्य से गये पर वहां सभी गोपियों को मिलने के उद्देश्य से गये पर वहां सभी गोपियों ने साम्ब को श्री कृष्ण समझ कर उनके साथ खेलने लगी. हालांकि प्राचीनतम पुस्तकों में यह वर्णित है कि शाम्ब ने इस पर प्रतिक्रिया भी जतायी, लेकिन गोपियां एक न मानी. इसी को ले भगवान कृष्ण इस लीला को देख क्रोधित हो शाम्ब को शाप दे दिया कि तुम अपनी सौंदर्य खोते हुए कुष्ठ रोग का योग प्राप्त करोगे.
शाम्ब को श्री कृष्ण के शाप से कुष्ठ हुआ और चिंतित अवस्था में शाम्ब ने नारद से इसके निदान का उपाय पूछा, तो नारद ने कहा कि उपाय, तो श्री कृष्ण ही प्रदान करेंगे, तत्पश्चात शाम्ब ने श्री कृष्ण से निवेदन किया कि मुझे इस रोग से मुक्ति का मार्ग बतायें. श्री कृष्ण ने कहा कि शाम्ब जब तुम संपूर्ण भारत में 12 सूर्य की स्थापना कर उनका अनुष्ठान व पूजन करोगे तब तुम पुन: अपने सौंदर्य रूप यौवन को प्राप्त करोगे और वहीं 12 सूर्य स्थापना में एक औंगारी धाम सूर्य मंदिर व तालाब है. औंगारी धाम सूर्य मंदिर तालाब में स्नान करने एवं पानी पीने से अन्य तरह की बीमारियों से मुक्त होती है.
यहां पूजा अर्चना करने वाले लोगों को कंचन काया, पुत्र, सुख-समृद्धि व शांति समेत अन्य प्रकार की मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. यह ऐतिहासिक धार्मिक स्थल सूर्य नगरी औंगारी धाम एकंगरसराय बाजार से छह किलोमीटर पूरब-दक्षिण कोण में अवस्थित है. यहां एक बहुत बड़ा पुराने धर्मशाला है, मंदिर के सटे औंगारी धाम थाने हैं.
भगवान भास्कर की नगरी औंगारी धाम में लगने वाले चार दिवसीय कार्तिक छठ मेले की तैयारी शुरू हो चुकी है. राज्य समेत अन्य राज्यों के कोने-कोने से छठव्रति धरियों, भक्तजनों का आना शुरू हो गया है. विभिन्न प्रकार की दुकानें-दुकानदारों द्वारा लगाये जा रहे हैं. औंगारी धाम समेत ईद-गिर्द गांव के लोगों द्वारा आये छठव्रतधारियों की सेवा प्रदान करने में जुटे हुए हैं. लोग तंबू व प्लास्टिक तान कर अपने-अपने जगह को सुरक्षित करने ठहरे हुए हैं.
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