पूसा : इलिनियास संस्थान एवं बीसा फार्म के संयुक्त अभियान के तहत फसलोत्पादन के बाद होने वाले नुकसान विषय पर प्रशिक्षण आहूत की गयी. जिसमें खासतौर से मोतिहारी जिले से आये दर्जनों किसान ने भाग लेकर आधुनिक तकनीक से अवगत हुआ.
प्रशिक्षण में उदघाटन सत्र के मौके पर बीसा प्रमुख सह वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. राज कुमार जाट ने अपने संबोधन में कहा कि मौजूद प्रतिभागियों को बदलते मौसम के परिवेश में चल रहे आधुनिक तकनिकी से क्लाइमेट स्मार्ट गांव की खेती का भी अवलोकन कराया गया है. इसके साथ ही जीरो टीलेज मशीन से बुआई किये गये गेहूं व मक्का की खेती को भी भ्रमण के दौरान बताया गया. वही फसलों में सूक्ष्म जल प्रबंधन विधि के अलावे कम लागत में अधिक मुनाफा दिलाने वाले बारीकियो पर गहन अध्ययन किया गया. प्रशिक्षण एवं भ्रमण के बारे में मुख्य रूप से बताते हुए डा.
जाट ने कहा कि टब्रो हेपीसीडर से मूंग की बुआई बिहार के किसानो के लिए अत्यधिक लाभकारी है. किसान भी प्रशिक्षण के उपरांत इस नवीनतम मूंग की बुआई करने वाले मशीन से खेती करने का संकल्प लिया. अंत में किसानों को फसल उत्पादन के बाद होने वाले नुकसान से बचने का उचित तकनीक बताया गया.