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संताल-परगना में 10 लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन की दर करने की अनुशंसा

संताल-परगना में 10 लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन की दर करने की अनुशंसाविधायकों की कमेटी ने सीएम को सौंपी रिपोर्टकमेटी का तर्क : 10 लाख रुपये की दर होने पर एक एकड़ में किसानों को मिलेगा 40 लाख रुपयेवरीय संवाददातारांची. संताल परगना में 10 लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन की दर तय करने की अनुशंसा […]

संताल-परगना में 10 लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन की दर करने की अनुशंसाविधायकों की कमेटी ने सीएम को सौंपी रिपोर्टकमेटी का तर्क : 10 लाख रुपये की दर होने पर एक एकड़ में किसानों को मिलेगा 40 लाख रुपयेवरीय संवाददातारांची. संताल परगना में 10 लाख रुपये प्रति एकड़ जमीन की दर तय करने की अनुशंसा विधायकों की कमेटी ने की है. विधायकों की कमेटी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री रघुवर दास को सौंप दी है. गौरतलब है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने विधायक अशोक कुमार एवं अनंत ओझा की एक कमेटी बनायी थी. कमेटी के सदस्यों को स्थानीय लोगों से बात कर जमीन की दर पर अपनी अनुशंसा देने का निर्देश दिया गया था. इसके बाद दोनों विधायकों ने प्रोजेक्ट भवन में सीएम से मुलाकात कर रिपोर्ट दी. विधायकों ने ग्रामीणों से हुई सीधी बातचीत के आधार पर मुख्यमंत्री को वस्तुस्थिति से अवगत कराया. विधायक अशोक कुमार ने जानकारी दी कि उन्होंने संथाल परगना के विकास में सरकार व निजी क्षेत्रों द्वारा ली जा रही जमीनों की विभिन्न दरों का भी आकलन किया. ग्रामीणों का कहना है कि सरकार व निजी कंपनियों द्वारा वर्तमान में जमीन अधिग्रहण की एवज में जो दर दी जा रही है, उससे बेहतर दर मिले. दर निर्धारण की समीक्षा करते समय एनटीपीसी, कोल इंडिया, पथ निर्माण विभाग, रेलवे व निजी कंपनियों द्वारा दी जा रही वर्तमान दरों को शामिल किया जाये. श्री कुमार ने सीएम को बताया कि उन्होंने सिमड़ा, नोहंडिया, हरिपुर, हाहाजोर, गांधीग्राम समेत कई अन्य गांवों का दौरा कर ग्रामीण से बातचीत की. सूत्रों ने बताया कि विधायकों ने जमीन की दर कम से कम 10 लाख रुपये प्रति एकड़ रखने की अनुशंसा की है. उनका कहना है कि इससे यदि कोई उद्यमी जमीन लेता है, तो उसे रैयतों को चार गुणा यानी लगभग 40 लाख रुपये देना पड़ेगा. रैयतों के पास कोई अन्य काम नहीं है. यदि एक एकड़ पर 40 लाख मिलता है, तो वो राशि को बैंक में जमा कर ब्याज से अपना गुजर-बसर कर सकते हैं. मुख्यमंत्री ने सारी बातों को सुनने के बाद कहा कि सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही निर्णय लेगी. उन्होंने भरोसा दिया कि रैयतों के साथ किसी भी तरह की नाइंसाफी नहीं होगी और सरकार का प्रयास होगा कि रैयतों को जमीन की उचित दर मिले. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान अन्नदाता हैं. उन्हें हर हाल में उनका वाजिब हक मिलेगा. सरकार को गांव, गरीब और किसान की चिंता है. सरकार रैयतों के हित में निर्णय लेगी. गौरतलब है कि संताल-परगना में जमीन को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पहले ही दे दी है. मुख्यमंत्री ने दोनों रिपोर्ट का अध्ययन कर फैसला लेने की बात कही है.

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