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बिगड़ा बजट, परिवार का मासिक खर्च 2500 रु बढ़ा

बिगड़ा बजट, परिवार का मासिक खर्च 2500 रु बढ़ा -महंगाई से मध्यमवर्गीय परिवार व मजदूर से लेकर विद्यार्थी तक परेशानसंवाददाता,भागलपुरमहंगाई की मार ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. खाने-पीने के सामान से लेकर बच्चों की बढ़ती स्कूल फीस ने सबका बोझ बढ़ाया है. रोज कमाने-खाने वाले मजदूर हों या मध्यमवर्गीय परिवार अथवा […]

बिगड़ा बजट, परिवार का मासिक खर्च 2500 रु बढ़ा -महंगाई से मध्यमवर्गीय परिवार व मजदूर से लेकर विद्यार्थी तक परेशानसंवाददाता,भागलपुरमहंगाई की मार ने आम लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. खाने-पीने के सामान से लेकर बच्चों की बढ़ती स्कूल फीस ने सबका बोझ बढ़ाया है. रोज कमाने-खाने वाले मजदूर हों या मध्यमवर्गीय परिवार अथवा घर से बाहर रह कर पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी, सभी परेशान हैं. मध्यमवर्गीय छह सदस्यों वाला परिवार, जिसमें पति-पत्नी, उनके दो बच्चे और माता-पिता साथ रहते हों, उनका मासिक खर्च मार्च की अपेक्षा अप्रैल में लगभग 1100 रुपये तक बढ़ गया है, वह भी सिर्फ किराना और स्कूल फीस के मद में. अन्य खर्च को भी जोड़ दें तो हर परिवार पर मासिक लगभग 2000 से 2500 रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ा है. खर्च बढ़ने का गणितपिछले वर्ष इसी माह छह व्यक्ति वाले परिवार के लिए राशन का सामान 5,600 रुपये में मिलता था. खाद्य सामग्रियों में वृद्धि का असर यह हुआ कि अप्रैल में यह बजट बढ़ कर लगभग 6400 रुपये पहुंच गया. एक बच्चे के स्कूल फीस में 100-150 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इस प्रकार दो बच्चों पर यह बढ़ोतरी प्रति माह 300 रुपये हुई. इस प्रकार हर परिवार पर लगभग 1500 रुपये का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है. इसके अलावा अप्रैल से ही मोबाइल रिचार्ज, डीटीएच रिचार्ज जैसे खर्च भी बढ़े हैं. इस तरह के अन्य खर्चों को जोड़ें, तो प्रति परिवार यह 2000 से 2500 रुपये तक पहुंच जाता है.हाथ में कुछ नहीं बच पाता : ममता देवीखलीफाबाग चौक त्रिवेणी अपार्टमेंट निवासी ममता देवी का कहना है कि महंगाई ने परेशान कर दिया है. 18000 से 20000 रुपये तक की आय से किसी तरह घर चल पाता है. दो बेटा, एक बेटी एवं एक मां हैं. सभी बच्चे पढ़ाई कर रहे हैं. सबसे छोटा लड़का इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है. हर माह रसोई के सामान में 5000 रुपये लगते थे. अब महंगाई बढ़ी, तो 6000 रुपये से अधिक खर्च आने लगे हैं. 1200 से अधिक तक दूध पर खर्च होता है. 1500 से 2000 रुपये सब्जी में खर्च होता है. परेशानी उस समय और बढ़ जाती है, जब बेटा व बेटी के लिए कोचिंग में एक मुश्त पैसा देना पड़ता है. गैस व केवल खर्च अलग से है. बाइक में 1000 से 1500 रुपये तक पेट्रोल भी लग जाता है. किसी तरह चलाते हैं काम : अमित सिंह सराय, रिकाबगंज निवासी अमित कुमार सिंह की छोटी सी दुकान है. उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं. अमित का कहना है पूरे माह में 24-25 दिन ही दुकान खोल पाते हैं. हर दिन 400 से 500 रुपये तक की कमाई हो जाती है. अभी एक बच्चों की पढ़ाई में 1200 रुपये खर्च हो जाते हैं. अब 100 से 200 रुपये तक खर्च बढ़नेवाला है. घर के खर्च में महंगाई से बढ़ोतरी होने लगी है. किसी तरह से घर चला पाते हैं. महंगाई लगातार बढ़ रही है. उस अपेक्षा में आय नहीं बढ़ रही है.ऐसे बढ़ी खाद्यान्नों पर महंगाई की मारइस बार भी रबी फसल कमजोर होने से महंगाई बढ़ने लगी है. वहीं गरमी के दिनों में शीतल पेय पदार्थों की खपत बढ़ने से चीनी की मांग बढ़ गयी है. चीनी के भाव भी बढ़ गये हैं. चीनी के भाव बढ़ने का एक और कारण यह है कि गन्ना उत्पादन क्षेत्रों में गन्ना की कम उपज हुई है. खाद्यान्न एक माह पहले का भाव वर्तमान भाव चीनी 38 40अरहर दाल 130 135चना दाल 65 70आटा 22 23मूंग दाल 98 100काबुली चना 80 90नोट:- सभी भाव खुदरा किराना दुकान के

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