अचानक बढ़ी गरमी ने बढ़ायी लोगों की परेशानी तापमान 42 डिग्री पहुंचा 11 अप्रैल को अधिकतम तापमान 43 व न्यूनतम तापमान 30 डिग्री रहने की संभावनाशुरुआत में गरमी अधिक पड़ने से गेहूं की उपज हुुई प्रभावित अचानक बढ़ी गरमी से किसानों को सब्जी व अन्य फसल उपजाने में होगी परेशानी शीतल पेयजल व शीतल फलों की बिक्री बढ़ीफोटो 1(शीतल पेयजल का आनंद लेते लोग)2(जानकारी देते चिकि त्सक डाॅ अंजनी कुमार सिन्हा)प्रतिनिधि4जमुई अचानक बढ़ी गरमी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. भीषण गरमी ने आम जन-जीवन के अलावे किसान व पशु-पक्षी को भी बैचेन कर दिया है. बताते चलें कि सुबह नो बजते ही गरमी का प्रकोप इतना तेज हो जाता है कि लोगों का घर से बाहर निकलना भी दूभर हो रहा है. सबसे ज्यादा परेशानी तो कार्यालय में काम करने वाले लोगों और विद्यालय जाने वाले बच्चों को हो रही है. इन्हेेंं गर्मी की तेज तपिश का सामना करना पड़ रहा है. अचानक तापमान में हुए वृद्धि के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लोग अपना काम काज करने के साथ साथ तेज धूप व गरमी से बचने का भी प्रयास करते नजर आ रहें है.मौसम वैज्ञानिकों की मानंे तो जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण गरमी का प्रकोप अचानक तेज हो गया है. आगामी छह दिनों का तापमान 07 अप्रैल को अधिकतम तापमान 42 और न्यूनतम तापमान 29 डिग्री 08 अप्रैल को अधिकतम 40 और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री 09 अप्रैल को अधिकतम 41 और न्यूनतम तापमान 27 डिग्री10 अप्रैल को अधिकतम तापमान 41 व न्यूनतम तापमान 29 डिग्री 11 अप्रैल को अधिकतम तापमान 43 व न्यूनतम तापमान 30 डिग्री12 अप्रैल को अधिकतम तापमान 42 व न्यूनतम तापमान 25 डिग्री गरमी की वजह से फसल उत्पादन प्रभावित जमुई :-कृषि वैज्ञानिक डाॅ प्रमोद कुमार की माने तो जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण अप्रैल माह में गर्मी के तापमान में अचानक वृद्धि हुई है और इस वर्ष जलवायु परिवर्तन के कारण ही ठंड कम पड़ी है.अचानक गर्मी में हुई वृद्धि के कारण गेेहूं व मक्का की फसल की उपज 25 से 30 प्रतिशत तक प्रभावित हुई है.क्योंकि इन दोनो फसलो की उपज तापमान के उतार चढ़ाव पर निर्भर करती है. किसी किसी क्षेत्र में गेहूं की उपज 50 प्रतिशत तक प्रभावित हुई है.किसानों को गर्मी के मौसम में दलहन या सब्जी की खेती करने में अधिक पटवन करना होगा.गर्मी बढ़ने से पानी की अधिक किल्लत होगी.गर्मी से बचाव के लिए खूब पानी पीयेचिकित्सक डाॅ अंजनी कुमार सिन्हा बताते हैं कि गर्मी का सर्वाधिक प्रभाव छोटे बच्चों पर पड़ता है.इसलिए छोटे बच्चों को दोपहर में घर से कम बाहर निकलने दें.बच्चों को स्कूल जाने से पूर्व भरपूर नाश्ता करा दें और खूब पानी पिलायें.स्कूल जाने से पूर्व उनके चेहरे को तौलिया से ढ़ंक दें या उन्हें छाता लगा कर भेजें.पानी की बोतल साथ में जरुर दे दें.इस मौसम में संक्रमण बहुत तेजी से बढ़ता है.इसलिए भोजन में तेल व मसाला का प्रयोग बहुत कम मात्रा में करें.भोजन बनने के चार घंटे के अंदर खाना अवश्य ही खा लें.बासी भोजन कतई ना करें.घर से बाहर निकलने से पूर्व चेहरा को तौलिया से ढ़ंक ले अथवा छाता का प्रयोग आवश्य करे.घर से बाहर निकलने से पूर्व खूब पानी पी लें और ग्लूकोन-डी का भी प्रयोग करें. इस गरमी में बुजुर्गों को भी खास ध्यान रखने की आवश्यकता है. लोग अधिक देर तक खाली पेट न रहें अन्यथा बीमार हो सकते हैं. शीतल पेय पदार्थ व शीतल फलों की बिक्री हुई तेज गरमी का प्रकोप तेज होने के साथ ही बाजार स्थित शीतल पेयजल व शीतल पदार्थों की बिक्री में अचानक काफी तेजी आ गयी है और लोग शीतल पेय पदार्थ के दुकानों में खड़े होकर गर्मी से बचने के लिए उनका स्वाद लेते नजर आ रहे हैं.बाजार में मौसमी का जूस 25 से 30 रुपये प्रति ग्लास, अनार का जूस 50 से 70 रुपये प्रति ग्लास, गन्ना का जूस 10 से 15 रुपये प्रति ग्लास व सत्तू का शरबत 15 रुपये प्रति ग्लास के हिसाब से बिक रहा है. वहीं तरबूज 20 रुपये प्रति किलो, ककड़ी पांच रुपये प्रति पीस, खीरा 20 रुपये प्रति किलो व आइसक्रीम पांच रुपये से 50 रुपये प्रति पीस के हिसाब से बिक रहा है.
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अचानक बढ़ी गरमी ने बढ़ायी लोगों की परेशानी
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