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रोड मार्च निकाला, सभा की
प्रदर्शन. इंसाफ ने ढिबरा मजदूरों पर प्रशासनिक कार्रवाई का किया विरोध ढिबरा मजदूरों व व्यवसायियों पर जुल्म हुआ, तो बरदाश्त नहीं किया जायेगा. इसको लेकर बड़ा आंदोलन किया जायेगा, ढिबरा मजदूरों पर जुल्म करना बंद करो, गरीबों की रोजी-रोटी से खिलवाड़ करना बंद करो के नारों से गूंजा शहर. झुमरीतिलैया : सामाजिक संस्था इंसाफ ने […]
प्रदर्शन. इंसाफ ने ढिबरा मजदूरों पर प्रशासनिक कार्रवाई का किया विरोध
ढिबरा मजदूरों व व्यवसायियों पर जुल्म हुआ, तो बरदाश्त नहीं किया जायेगा. इसको लेकर बड़ा आंदोलन किया जायेगा, ढिबरा मजदूरों पर जुल्म करना बंद करो, गरीबों की रोजी-रोटी से खिलवाड़ करना बंद करो के नारों से गूंजा शहर.
झुमरीतिलैया : सामाजिक संस्था इंसाफ ने तय कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को स्थानीय श्रम कल्याण केंद्र से ढिबरा मजदूरों पर प्रशासनिक कार्रवाई के विरोध में रोड मार्च निकाला. इसका नेतृत्व इंसाफ के अध्यक्ष बिनोद कुमार यादव समेत सचिव संजय कुमार शर्मा, बसपा नेता प्रकाश आंबेडकर, जेवीएम नेता अरशद खान, माले नेता ईश्वरी राणा, जदयू नेता कृष्णा सिंह घटवार, इंसाफ के उपाध्यक्ष कुंदन कुमार उर्फ बॉर्डर, दामोदर महिला मंडल की रेणु देवी समेत इंसाफ के दर्जनों कार्यकर्ता कर रहे थे. रोड मार्च में सैकड़ों मजूदर व राजनीतिक कार्यकर्ता, ढिबरा मजदूरों पर जुल्म करना बंद करो, गरीबों
की रोजी-रोटी से खिलवाड़
करना बंद करो, गरीबों के साथ अन्याय नहीं चलेगा आदि नारे लगा रहे थे. रोड मार्च झंडा चौक पर पहुंच सभा में बदल गयी.
इसकी अध्यक्षता इंसाफ के अध्यक्ष बिनोद कुमार यादव ने की. सभा में बिनोद कुमार यादव ने कहा कि बिहार माइका एक्ट 1947 के अनुसार छह इंच स्क्वायर से कम साइज का माइका स्क्रैप (ढिबरा) की श्रेणी में आता है और ढिबरा ढोने व परिवहन करने हेतु किसी भी प्रकार के ट्रांजिट पास या चालान की आवश्यकता नहीं होती है, जिसका माइनिंग विभाग के पदाधिकारियों ने कई बार लिखित उल्लेख किया है.
इसके बावजूद जिला प्रशासन व पुलिस ढिबरा चुन कर रोजी रोटी चलाने वाले गरीब मजदूरों को ढिबरा चुनने व परिवहन करने पर रोक लगा कर अन्याय कर रही है. पिछले लोक सभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थानीय ब्लॉक मैदान में कहा था कि सरकार की उदासीनता से माइका उद्योग समाप्त हो गया है और माइका के चलती के समय लोगों के चेहरों पर जो खुशी और मुस्कान रहती थी. वह माइका के खत्म होने के साथ ही लोगों के चेहरे भी मुरझा गये व खुशी भी चली गयी.
अगर लोकसभा में जीते तो माइका के मजदूरों व व्यवसाय के लिए सरकार काम करेगी. इस बात में आकर कोडरमा की जनता ने लोकसभा व विधानसभा दोनों सीटें भाजपा दी. इसके बावजूद नरेंद्र मोदी व स्थानीय जनप्रतिनिधि ने जनता को धोखा देने का काम किया. ढिबरा के गरीब मजदूरों पर कार्रवाई कर अपनी नीति स्पष्ट कर दी.
इंसाफ तमाम राजनीतिक, सामाजिक व इंसाफ पंसद लोगों को साथ लेकर इस अन्याय का विरोध करेगी और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर जिला प्रशासन से मजदूरों व गरीबों के हक में इंसाफ करने का मांग करेंगी. सभा का संचालन सचिव वकील संजय कुमार शर्मा ने किया. सभा को इंसाफ के उपाध्यक्ष कुंदन कुमार यादव, प्रकाश आंबेडकर, ईश्वरी राणा, जदयू नेता कृष्णा सिंह घटवार, मुखिया गुलाम मुस्तफा व दामोदर महिला मंडल की रेणु देवी ने भी संबोधित किया.
सभी ने एक स्वर में कहा कि ढिबरा मजदूरों पर किसी भी हाल में शोषण नहीं हो. गरीब लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से जीने दिया जाये. उन्होंने कहा कि ढिबरा मजदूरों व व्यवसायों पर अगर अन्याय हुआ, तो बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इसको लेकर सामूहिक्र रूप से एक बड़ा आंदोलन किया जायेगा.
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