नारायणपुर : बीज बोये कोई और, फल खाये कोई और. शिक्षा विभाग में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है. एक व्यक्ति शिक्षक नियुक्ति के लिए वर्ष 2009 में परीक्षा देता है. वह परीक्षा पास भी कर जाता है. लेकिन उसकी भाषा अरबी होने के कारण उसे मेरिट लिस्ट से निकाल दिया जाता है. इसके बाद वह हाइ कोर्ट में चैलेंज करता है और तब विभाग के मेरिट लिस्ट में भी उसका नाम आता है. कायदे के अनुसार उसे काउंसिलिंग के लिए बुलाया जाता है.
लेकिन तबीयत खराब होने के कारण वह काउंसिलिंग में नहीं जाता है. लेकिन फिर भी उसकी काउंसिलंग हो जाती है. क्योंकि उसकी जगह किसी और की काउंसिलिंग करा दी जाती है. यह पीड़ित अभ्यर्थी कुरुवा गांव का रहने वाला मो हासिम अंसारी है. आज इस मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची कर रही है.