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आइए…नशे की लत को जड़ से उखाड़ फेंके!

आइए…नशे की लत को जड़ से उखाड़ फेंके! फोटो – मधेपुरा 05,06,07,08,09,10,11,12कैप्शन – नोट :::: ये सभी महिलाओं के प्रोफाइल फोटो हैं फोटो – मधेपुरा 13 कैप्शन – सदर अस्पताल में स्थित नशा मुक्त केंद्र ऐतिहासिक फैसला . सूबे में पूर्णत: शराबबंदी की घोषणा का सभी ने किया स्वागत इंट्रो :::::::::::::::सूबे में पूर्णत: शराबबंदी की […]

आइए…नशे की लत को जड़ से उखाड़ फेंके! फोटो – मधेपुरा 05,06,07,08,09,10,11,12कैप्शन – नोट :::: ये सभी महिलाओं के प्रोफाइल फोटो हैं फोटो – मधेपुरा 13 कैप्शन – सदर अस्पताल में स्थित नशा मुक्त केंद्र ऐतिहासिक फैसला . सूबे में पूर्णत: शराबबंदी की घोषणा का सभी ने किया स्वागत इंट्रो :::::::::::::::सूबे में पूर्णत: शराबबंदी की घोषणा होते ही चारों तरफ खुशियां ही खुशियां दिखायी देने लगी है. बिहार सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले का सभी लोगों ने एक स्वर में समर्थन किया है. खास कर महिलाएं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नशा मुक्त सामाज निर्माण के लिए दुआएं दे रही हैं. नशा समाज के विकास को अवरुद्ध करता है. इसके कारण कई घर उजड़ गये और कई परिवार बिखर गये. अब समय है कि हम सब एक साथ मिल कर समाज की इस बुराई को जड़ से उखाड़ फेंके. प्रभात खबर ने इस बुराई को दूर करने के लिए लागू सरकार के फैसले को लेकर लोगों से बातचीत की. लोगों ने इसे स्वागत योग्य कदम बताया. केस स्टडी – 1 एक सभ्रांत परिवार के व्यक्ति का शराब की बुरी लत लग गयी. देखते ही देखते उनके हृदय का वाल्व खराब हो गया. जब तक संभलते तब तक देर हो गयी थी. उनके पीछे उनकी पत्नी ने अपने पांच बच्चों का पालन पोषण करने में इतने समझौते किये कि उनकी भी असमय मृत्यु हो गयी. पूरा परिवार बिखर गया. दो बेटी की मौत हो गयी. अब बच्चों की जिंदगी जैसे-तैसे गुजार रही है. केस स्टडी – 2 सरकारी नौकरी में रहे एक व्यक्ति को शराब की लत के कारण एक दिन खून की उल्टी हुई. जांच में पता चला कि उन्हें लीवर सिरोसिस हो गया है. काफी इलाज के बाद भी उनकी मौत हो गयी. महंगे इलाज के कारण जिंदगी भर की जमा पूंजी समाप्त हो चुकी है. जीवन भर उनकी पत्नी सपना देखती रही कि अंत समय में शायद उनकी जिंदगी बेहतर हो जायेगी लेकिन अब वह सदमे से मौन हो चुकी हैं. शराब को लेकर कई किस्से आम हैं. नशे की लत के कारण परिवार दर परिवार बिखरते जाते हैं. जिंदगी नरक से भी बदतर हो जाती है. इसके बारे में प्रभात खबर ने महिलाओं से बातचीत की. महिलाओं ने कहा कि सरकार के इस महत्वपूर्ण फैसले से हर घर में शांति और खुशहाली आयेगी. सामाज में एक बार फिर से प्यार फैलेगा. लोग एक दूसरे को सम्मान देंगे. तनाव और उन्माद का माहौल नहीं बन पायेगा. वहीं सरकार के इस फैसले को आधी आबादी ने अपनी जीत बताई. प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गृहणी निभा झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पुर्णत: शराब बंदी का निर्णय जनहीत में उठाया गया सबसे बड़ा कदम है. शराब के कारण सामाज का अमन चैन खत्म हो गया है. हजारों लोगों के घर में एक शराब के कारण चुल्हा नहीं जल पा रहा था. मुख्यमंत्री ने इस परेशानी को दिल से समझ कर निर्णय लिया है. हाउस वाइफ मीरा सर्राफ ने कहा कि पूर्णत: शराब बंदी का निर्णय स्वगत योग्य है. राज्य सरकार इस कानून को कड़े तरीके से लागू करने के प्रति भी तत्पर दिख रही है. अब सरकार जनहित में तंबाकु और पान मसाला के बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाये तो बिहार पूरे देश के सामने उदाहरण बन सकेगा. शिक्षिका रेखा कुमारी ने कहा कि सरकार के इस निर्णय से खुशहाल और समृद्ध बिहार की तस्वीर जेहन में उभरने लगी है. शराब बंदी लागू होने के महज कुछ दिनों बाद ही इस कानून का सार्थक फायदा सामाज के सामने होगा. अब जब सभी शराब गैर कानूनी है तो हम सब को मिलकर अवैध शराब के कारोबारियों के खिलाफ जागरूक होना होगा. गृहणी सोमा मोदी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं के गुहार को सुन कर समाज और महिलाओं के हित में फैसला लिया है. अब हम महिलये सामाज में किसी को भी शराब को भवन नहीं करने देंगे. गृहणी रेणु कुमारी ने कहा कि शराब के कारण अक्सर महिला घरेलू हिंसा का शिकार बनती थी. बच्चों के शिक्षा और भोजन का पैसा लोग शराब में उड़ाते थे. सरकार के इस ऐतिहासिक कदम से अब हर घर में खुशियां लौटेगी. गृहणी ने कहा कि शराब पी कर शराबी रोज शाम के बाद बाजार में उधम मचाते थे. गली मुहल्लों में भी शराबियों के गाली गलौज से बच्चों पर गलत असर पर रहा था. पूर्णत: शराब बंदी के कारण इन सब चिजों से मुक्ति मिलेगी. गृहणी मीरा देवी ने कहा शराब के उत्पात के कारण महिलाओं का शाम के बाद घर से निकलना मुश्किल हो जाता था. बाजार में खुलेआम घूमने वाले नशेरियों के कारण महिलाओं में असुरक्षा की भावना बनी हुई थी. सरकार के इस योजना से महिलाओं का आत्म विश्वास लौटा है. गृहणी कुमारी रूबी राज ने कहा कि बिहार बिहार में पूर्णत: शराब बंदी लागू कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतिहास रचा है. अब अवैध कारोबारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर हर हाल में शराब की अवैध बिक्री और पीने पर रोक लगेगा. गृहणी विनिता कुमारी ने कहा कि पूर्णत: शराब बंदी का निर्णय वक्त की जरूरत थी. शराब के प्रतिबंधित होने का श्रय महिलाओं का जाता है. महिलाओं की जिम्मेदारी है कि किसी भी सूरत में शराब बेचने या पीने वालों के खिलाफ हल्लाबोल कार्रवाई करेंगे. नशा विमुक्त केंद्र में आठ मरीजो की काउंसेलिंगमधेपुरा. अचानक शराब छोड़ने से होने वाले प्रतिकूल असर से निबटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है. सदर अस्पताल परिसर में खोले गये नशा विमुक्ति केंद्र में इस बाबत कई महत्वपूर्ण व्यवस्था की गयी है. केंद्र के काउंसलर सुधा संध्या और विवेक कुमार अब तक शराब छोड़ चुके आठ व्यक्तियों को मानसिक रूप में से शराब से तौबा करने के लिए तैयार कर चुके है. वातानुकूलित नशा मुक्ति केंद्र में करीब 44 प्रकार की अतिआवश्यक दवाएं उपलब्ध है. सदर अस्पताल के प्रबंधक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी तक नशा मुक्ति केंद्र में एक भी रोगियों को एडमिट नहीं किया गया है. शराब छोड़ने के बाद होने वाली परेशानी से जूझता हुआ एक भी मरीज सदर अस्पताल नहीं पहुंचा है. लेकिन ऐसी किसी भी परिस्थिति के लिए नशा मुक्ति केंद्र तैयार है. मरीजों को यहां सरकारी स्तर पर बिना किसी खर्च के समुचित इलाज मुहैया करवाया जायेगा. नशे के आदी लोगों को मानसिक संबल की जरूरत : डा असीम मधेपुरा . शराब की आदत को लेकर डाक्टर असीम प्रकाश कहते हैं कि शराब की आदत से परेशान लोगों को मानसिक संबल प्रदान कर उन्हें सामान्य किया जा सकता है. लंबे समय से नशे की लत से पीड़ित लोग नशा नहीं मिलने पर बैचेन हो जाते हैं. पसीना आना, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अनिद्रा से लेकर मतिभ्रम तक की परेशानी हो सकती है. पीड़ित को काल्पनिक एवं वास्तविक चीजों का अंतर महसूस होना खत्म हो जाता है. लेकिन ये परेशानी सप्ताह भर बाद खुद ब खुद ठीक होना शुरू हो जाता है. मरीज को इस समय बेहद संवेदनशील तरीके से समझा बुझा कर नशे की बुराइयों से दूर रहने के लिए मनोबल प्रदान करना चाहिए. यदि लत बहुत ज्यादा है तो अस्पताल में भरती कराने की जरूरत पड़ती है. उस समय दवा तथा रोज जांच की जरूरत होती है ताकि शरीर के अन्य बदलाव को सामान्य रखा जा सके. शराब छोड़ने वाले मरीज से किस तरह का व्यवहार करना है, इसकी भी जानकारी परिजनों को बेहतर रूप से प्रदान करना जरूरी है. धीरे-धीरे लोग सामान्य हो जाते हैं. हालांकि पूर्ण रूप से नशा मुक्त होने में एक से तीन महीने तक का वक्त लग सकता है.

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