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कहीं शक्षिकों का टोटा, तो कहीं भरमार

कहीं शिक्षकों का टोटा, तो कहीं भरमार कभी शिक्षकों के मामले में धनी डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आज शिक्षकों का टोटा खामियाजा भुगत रहे हैं छात्रइसलामिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 85 फीसदी शिक्षक कर रहे हैं कामफोटो:02 इसलामिया महाविद्यालय का प्रवेश द्वारसीवान. जिले में संचालित जयप्रकाश विश्वविद्यालय से संबद्ध सात महाविद्यालयों में कहीं शिक्षकों का टोटा […]

कहीं शिक्षकों का टोटा, तो कहीं भरमार कभी शिक्षकों के मामले में धनी डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आज शिक्षकों का टोटा खामियाजा भुगत रहे हैं छात्रइसलामिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 85 फीसदी शिक्षक कर रहे हैं कामफोटो:02 इसलामिया महाविद्यालय का प्रवेश द्वारसीवान. जिले में संचालित जयप्रकाश विश्वविद्यालय से संबद्ध सात महाविद्यालयों में कहीं शिक्षकों का टोटा है, तो कहीं भरमार. किसी जमाने में शिक्षकों के मामले में काफी धनी डीएवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में आज शिक्षकों का टोटा है. वहीं, दूसरी ओर इसलामिया स्नातकोत्तर महाविद्यालय में शिक्षकों के मामले में सबसे धनी संस्थान है. महाविद्यालय में कुल स्वीकृत पद के 85 फीसदी शिक्षक कार्य कर रहे हैं यानी 89 में 75. यही कारण है कि विगत कुछ सालों में पढ़ने के लिए छात्रों का रुझान इस ओर बढ़ा है. वहीं, डीएवी पीजी में 35 फीसदी शिक्षक ही कार्य कर रहे हैं. यहां प्राचार्य सहित शिक्षकों की संख्या 28 है, जबकि स्वीकृत पद 76 हैं. यह स्थिति शिक्षकों की सेवानिवृत्ति होने व सरकार द्वारा बहाल नही करने से उत्पन्न हुई है. इसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. यही हाल राजा सिंह महाविद्यालय, विद्या भवन महिला महाविद्यालय, हरि राम कॉलेज, मैरवा, नारायण महाविद्यालय, गोरेयाकोठी व आरबीजीआर महाविद्यालय, गोरेयाकोठी का भी है. सबसे खस्ता हाल हरि राम कॉलेज, मैरवा का है. विश्वविद्यालय से संबद्ध इन सात महाविद्यालयों में इसलामिया के कार्यों की देख-रेख शासी निकाय करता है. शासी निकाय महाविद्यालय की व्यवस्था के साथ-साथ अनुशासन व शिक्षकों की कमी का भी ख्याल रखता है. अल्पसंख्यक महाविद्यालय के रूप में सन 1971 में स्थापित इस महाविद्यालय के शिक्षकों के वेतन का भुगतान यूजीसी के मानक के अनुसार विश्वविद्यालय करता है. सचिव शासी निकाय जफर अहमद गनी का कहना है कि सूबे सहित विश्वविद्यालय में इसलामिया का स्थान शिक्षकों के मामले में बेहतर है. बतौर श्री गनी प्रबंधन संस्थान की पहली प्राथमिकता शिक्षा सहित शिक्षकों के मानक को उच्चतम बनाये रखना है. मौजूदा समय में यहा स्नातक व परास्नातक वर्ग में कुल 17 विषयों की पढ़ाई होती है, जहां 55 सौ से अधिक छात्र अध्ययन कर रहे हैं.एक नजर विषयवार शिक्षकों की संख्या परविषय इसलामिया डीएवीभौतिकी 6 2 रसायन 5 1 गणित 6 4जूलॉजी 5 1 बॉटनी 5 1हिंदी 4 4अंगरेजी 4 1संस्कृत 2 0उर्दू 6 1इतिहास 5 2 अर्थशास्त्र 5 1साइकोलॉजी 5 2फिलॉसफी 5 2 राजनीति विज्ञान 5 2 भूगोल 6 1 काॅमर्स 2 1 परसियन 2 00

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