गोरौल : अरे बाप रे……..बाप, पिये के लेल कुछों न मिलईअ, देह काप रहल है, सरकारवा ताड़ीओं बंद कर देलक है जेकरा पीके अपना देह बचइती. ये दुख भरी दास्तान क्षेत्र के शराबियों की है, जो शराब नहीं मिलने के कारण इधर-उधर भटक रहे हैं और सरकार को खूब कोस रहे हैं. वहीं, शराबियों के पत्नी व बच्चे खुशी से झूम रहे हैं.
उनका कहना है अब धन और जन दोनों की बचत होगी. बार-बार शराब पीकर बीमार पड़ने से भी बचेगे और मेहनत की कमाई का सदुपयोग होगा. शराब न मिलने के कारण बेचैन अपने पति को देख पत्नी छींटा-कसी करने से नहीं चूक रही हैं. लोग शराब के अड्डा ताड़ी के दुकान के आस पास गिद्ध की तरह मंडरा रहे है, लेकिन उन्हें थोड़ी-सी भी ताड़ी नहीं मिल पा रही है. चिकित्सकों के अनुसार, अगर थोड़ी दिन तक बरदाश्त कर लिया जाये तो नशा की आदत सदा के लिए छूट सकती है.