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एक दमकल के सहारे आठ लाख की आबादी

अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण एक बार फिर अनुमंडल क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं. अग्निशमन विभाग के पास करीब आठ लाख की आबादी को आग से बचाने के लिए केवल एक ही दमकल है. अगर, एक साथ दो जगहों पर आग लग गयी, तो इस पर कैसे काबू पाया जायेगा, यह […]

अग्निशमन विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण एक बार फिर अनुमंडल क्षेत्र के लोग सहमे हुए हैं. अग्निशमन विभाग के पास करीब आठ लाख की आबादी को आग से बचाने के लिए केवल एक ही दमकल है. अगर, एक साथ दो जगहों पर आग लग गयी, तो इस पर कैसे काबू पाया जायेगा, यह बतानेवाला कोई नहीं है.
मोहनिया (सदर) : विभिन्न योजनाओं के करोड़ों रुपये का हर साल गोलमाल हो जाता है, लेकिन स्थानीय प्रशासन के पास 48 हजार रुपये भी नहीं हैं कि करीब एक साल से खराब पड़े दमकल को ठीक करवाया जा सके. हम जिले के दूसरे अनुमंडल मोहनिया की बात करें, तो यहां की करीब आठ लाख की आबादी को आग से बचाने के लिए केवल एक ही दमकल अग्निशमन के पास उपलब्ध है.
ऐसी स्थिति में यदि एक साथ एक से अधिक स्थानों पर आग लगती है, तो दमकल पहुंचने की आशा रखना बेकार है. पिछले साल पूरे अनुमंडल क्षेत्र में 109 जगहों पर आग लगी थी.
दमकल में पानी भरना भी चुनौती : जहां तक दमकल में पानी भरने की बात आती है, तो पानी भरने में भी 35 से 40 मिनट का समय निकल जाता है. क्योंकि, मोहनिया के डड़वा स्थित बाजार समिति में पानी भरने की सुविधा विकसित की गयी है. लेकिन, गरमी में पानी का लेयर नीचे चले जाने से पानी भरने में काफी समय लग जाता है.
ऐसे में जब तक पानी भर कर दमकल निकलेगा, तब तक वहां सब कुछ जल कर राख हो चुका होगा.पिछले वर्ष के 28 अप्रैल को रामगढ़ प्रखंड के महुआरी गांव में लगी भीषण आग को बुझाने के बाद 2500 लीटर क्षमता वाला दमकल बीआर 01 जीबी 4744, मॉडल 709 लौट रहा था कि एनएच-30 पर एक टेंपो को बचाने के क्रम में पलट गया. इसमें सवार चार जवानों को चोट भी लगी थी. तब से क्षतिग्रस्त दमकल को अब तक प्रशासन ने ठीक नहीं कराया. इसका खामियाजा आग लगने पर अनुमंडल के करीब आठ लाख लोग अपने जान-माल की बलि देकर भुगतना पड़ सकता है. क्योंकि, अनुमंडल क्षेत्र के इतने व्यापक दायरे के लिए एक दमकल ऊंट के मुंह मे जीरा से कम नहीं है.
हाल की घटना से सहमे हैं लोग
अभी तो गरमी ने दस्तक दी है. अप्रैल, मई व जून तो बाकी है. इन महीनों में सब तरफ आग लगने की घटनाएं सुनायी पड़ने लगती हैं. मार्च की 29 तारीख को रामगढ़ प्रखंड के रुपाननपुर गांव में हुई अगलगी की घटना से पूरे क्षेत्र के लोग सहमे हैं. इस घटना में तीन भैंस, आठ बकरियां जल कर मर गयी थीं. साथ दो युवक झुलसने से गंभीर रूप से घायल हो गये थे. पीड़ितों के पास सिर्फ वही बजा जो पहने हुए थे. सब कुछ जल कर राख हो गया. हालांकि, यहां दमकल पहुंच गया था. पिछले साल पूरे अनुमंडल क्षेत्र में 109 जगहों पर आग लगी थी.
संसाधनों की है कमी
इस संबंध में अग्निशमन पदाधिकारी राम विलास राम ने बताया कि हमारे पास एक ही दमकल है. दूसरा दमकल पिछले साल दुर्घटना ग्रस्त हो गया था. उसको बनवाने में 48 हजार रुपये लगेंगे.
बिल बना कर काफी पहले ही दिया जा चुका है. इसकी जानकारी जिलाधिकारी को भी दी जा चुकी है. लेकिन, रुपये के अभाव में दमकल नहीं बन सका है. पानी का लेयर नीचे भागने से डड़वा में पानी भरने में भी परेशानी होती है. एक ही दमकल के सहारे पूरा अनुमंडल क्षेत्र है. हम क्या कर सकते हैं, जब संसाधन ही उपलब्ध नहीं है.

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