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कातिब राज हुआ खत्म, मॉडल लागू

नयी व्यवस्था. कातिबों के लाइसेंस रद्द, घट गयी रजिस्ट्री की संख्या पूरे प्रदेश में एक अप्रैल से मॉडल पेपर पर रजिस्ट्री लागू कर दी गयी है. इसके चलते कातिबों के लाइसेंस रद्द कर दिये गये हैं. इससे बिहार भर में रजिस्ट्री कार्यालयों में रजिस्ट्री की संख्या घट गयी है. पटना : पटना जिले में सोमवार […]

नयी व्यवस्था. कातिबों के लाइसेंस रद्द, घट गयी रजिस्ट्री की संख्या
पूरे प्रदेश में एक अप्रैल से मॉडल पेपर पर रजिस्ट्री लागू कर दी गयी है. इसके चलते कातिबों के लाइसेंस रद्द कर दिये गये हैं. इससे बिहार भर में रजिस्ट्री कार्यालयों में रजिस्ट्री की संख्या घट गयी है.
पटना : पटना जिले में सोमवार को रजिस्ट्री कराने वाले दस्तावेजों की संख्या दो-चार ही रही. कातिबों द्वारा डीड पेपर तैयार न करा कर अब सीधे लोग निबंधन विभाग द्वारा जारी मॉडल पेपर पर ही रजिस्ट्री करा सकेंगे. इसके अलावा अधिवक्ताअों द्वारा तैयार डीड ही मान्य होगी. इससे कई जिलों में रजिस्ट्री कार्य पिछले दो दिनों से बंद है. डीड तैयार करनेवाले अधिवक्ताओं की कमी से कार्यलय में एक भी अावेदन रजिस्ट्री के लिए नहीं आ पाये हैं.
मे आइ हेल्प यू काउंटर में मॉडल फाॅर्म की सुविधा : रजिस्ट्री कार्यलय के अधिकारियों की मानें, ताे मॉडल फाॅर्म की सुविधा जिला निबंधन कार्यालय में मे आइ हेल्प यू काउंटर पर दी गयी है. यहां से लोगों को नि:शुल्क फाॅर्म बांटे जा रहे हैं. इसके अलावा वेबसाइट से काेई भी व्यक्ति आवेदन डाउनलोड कर सकता है. अलग-अलग डीड के लिए कुल चार तरह के मॉडल फाॅर्म उपलब्ध हैं.
रजिस्ट्री नियमों को सरल बनाने के लिए विभाग द्वारा कंप्यूटराइज रजिस्ट्रेशन की सुविधा शुरू की गयी है. कोई भी व्यक्ति घर बैठे जमीन की खरीद-बिक्री के लिए अॉनलाइन आवेदन कर सकता है. आॅनलाइन प्रक्रिया में मॉडल फॉर्म के तहत रजिस्ट्री कराना आसान है. बैंक चालान के साथ कोई भी अपनी जरूरत के मुताबिक फाॅर्म भर का जमा कर सकता है. इसके लिए किसी व्यक्ति और कातिब की जरूरत नहीं है. अनपढ़ और अंगूठा छाप व्यक्ति भी आसानी से रजिस्ट्री करवा सकेंगे.
आसान होगी निबंधन प्रक्रिया : मॉडल फॉर्म के तहत रजिस्ट्री होने पर पुरानी प्रक्रिया से निजात मिल सकेगी. साथ ही कैथी की जगह अब हिंदी या अंगरेजी में दस्तावेज भी तैयार हो रहे हैं. राज्य सरकार ने रजिस्ट्री के निमयों को आसान बनाने के लिए 2011 में छह अलग-अलग मॉडल फॉर्म जारी किया है.
जमीन या घर की बिक्री, पावर या किसी को घर जमीन दान के लिए दस्तावेज तैयार करने आदि को लेकर मॉडल फॉर्म के तहत कॉलम बने हैं. इसे आसानी से कोई भी भर सकता है और रजिस्ट्री कार्यालय में खुद ही जमा कर सकता है. साथ ही इंटरनेट से वेबसाइट भी डाउनलोड भी किया जा सकता है.
खास बात यह कि अब केवाला की जरूरत नहीं पड़ेगी. यदि फॉर्म भरने में कोई दिक्कत हो, तो मदद के लिए लिए कार्यालयों में काउंटर भी खोले गये हैं.
सदन में उठा मामला : विपक्ष के नेता प्रेम कुमार ने सोमवार को 42 हजार दस्तावेज नवीसों के लाइसेंस रद्द किये जाने को लेकर सरकार से जवाब की मांग की. शून्यकाल में उन्होंने बताया कि राज्य में जितने भी निबंधन कार्यालय हैं, उनके लाइसेंसधारी एवं प्रशिक्षु कातिब हैं उनका लाइसेंस रद्द कर दिया गया है. इससे राज्य में पांच लाख परिवार भूखमरी के कगार पर आ गया है.
पटना : नगर निगम में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने का कार्य ठप है. कोई भी आवेदन नहीं लिया जा रहा है. इसका कारण है कि नये वित्तीय वर्ष की चालान रसीद की छपाई नहीं की गयी है. वर्तमान में स्कूलों में नामाकंन का दौर चल रहा है और बच्चों का जन्म प्रामण पत्र बनाने वालों की भीड़ लगी रहती है. इस स्थिति में रोजाना दो से ढ़ाई सौ लोग बीडीओ से स्वीकृति लेकर पहुंच रहे हैं, लेकिन वे निगम से वापस लौटने को मजबूर हो रहे है.
बैकलॉग का किया जा रहा निष्पादन : नगर निगम के जन्म-मृत्यु निबंधन शाखा में दो अप्रैल से आवेदन नहीं लिया जा रहा है. कार्यरत अधिकारी व कर्मचारी बैंकलॉग को निबटाने में लगे हैं. जन्म-मृत्यु शाखा के रजिस्टार डॉ सुधीर कुमार सिन्हा ने बताया कि फिलहाल उन लोगों को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र दिये जा रहे हैं, जिन्होंने 31 मार्च तक आवेदन दे दिया था. साथ ही हॉस्पिटलों में जन्म लेनेवाले बच्चों को 30 दिनों के अंदर जन्म प्रमाण पत्र दिया जा रहा है.
चार-पांच दिन और नहीं लिया जायेगा आवेदन : निगम अधिकारी ने बताया कि नये वित्तीय वर्ष के लिए नये चलान का ऑर्डर जारी नहीं हुआ है और न ही छपाई ही हुई है. नगर आयुक्त छूट्टी से सोमवार को लौटे हैं. अब वे ऑर्डर देंगे, फिर छपाई का काम पूरा किया जायेगा. इसमें चार से पांच दिन का समय और लगेगा.
ऑन लाइन व्यवस्था भी चालू नहीं : इ-म्यूनिसिपलिटी सेवा का फरवरी माह के अंतिम सप्ताह में मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया था. इसके बावजूद नगर निगम में यह सेवा शुरू नहीं किया जा सकी है.
इ-म्यूनिसिपलिटी सेवा में जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र को भी शामिल किया गया था, ताकि लोग को घर बैठे-बैठे आवेदन कर सकें. हालांकि, इसके लिए रजिस्टार डॉ सुधीर कुमार सिन्हा ने नगर आयुक्त से कंप्यूटर, इंटरनेट और अन्य सुविधाओं की मांग की थी जो अब तक मुहैया नहीं करायी गयी हैं.
पटना : इ-म्यूनिसिपलिटी सेवा के तहत नक्शा स्वीकृति प्रक्रिया को भी ऑनलाइन किया गया है. लेकिन, सेवा का उद्घाटन होने के बाद से अब तक मैनुअल ही आवेदन प्राप्त किया जा रहा है. अब 11 अप्रैल से मैनुअल नक्शा स्वीकृति का अावेदन नहीं लिया जायेगा. उस तिथि से ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किया जायेगा. इसको लेकर नगर आयुक्त जय सिंह ने आम सूचना भी प्रकाशित की है.
इसमें कहा गया है कि निबंधित वास्तुविद, अभियंता, संरचना अभियंता, प्लानर एवं सुपरवाइजर का लॉगइन व पासवर्ड तैयार कर लिया गया है और शहरी निदेशक कार्यालय से संपर्क कर अपना लॉगइन व पासवर्ड प्राप्त कर सकते हैं.
खुद से नक्शा सवीकृति आवेदन जमा करना है, तो www.nagarseva.bihar.gov.in पर लॉगइन करें. साथ ही 1800 121 1554 पर संपर्क कर सकते हैं. सेवा को सफल बनाने के लिए निबंधित वास्तुविदों, अभियंताओं, संरचना अभियंताओं व प्लानरों का प्रशिक्षण आठ व नौ अप्रैल को होगा.
शीघ्र शुरू हो कचरा कलेक्शन
पटना : 29 मार्च को स्थायी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया था कि एक अप्रैल से चारों अंचल के नये वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू करना है, लेकिन अब तक यह शुरू नहीं किया गया है. सोमवार को नगर आयुक्त जय सिंह ने चारों अंचल के कार्यपालक पदाधिकारियों काे निर्देश दिया कि नगर निगम क्षेत्र के 12 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन तत्काल शुरू करें और इस योजना को लेकर खर्च होने वाली राशि की गणना कर निगम मुख्यालय को भेजें, ताकि राशि आवंटित की जा सके.
गौरतलब है कि नूतन राजधानी अंचल के वार्ड नंबर चार, पांच व छह, बांकीपुर अंचल के वार्ड नंबर 48, 49 व 50, कंकड़बाग अंचल के वार्ड नंबर 45,46 व 55 और पटना सिटी अंचल के 52, 53 व 54 नंबर वार्ड में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू किया जाना है.
स्थायी समिति की बैठक नौ अप्रैल को
पटना : नगर निगम स्थायी समिति की बैठक नौ अप्रैल को निर्धारित की गयी है. इसको लेकर मेयर अफजल इमाम ने सोमवार को नगर आयुक्त जय सिंह को पत्र भेजा है. मेयर ने बैठक की एजेंडा भी तय किया है और कहा है कि एजेंडा व संलेख की कॉपी सभी आलाधिकारियों के साथ-साथ स्थायी समिति के सभी सदस्यों को उपलब्ध करा दें.

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