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भाजपा ने जारी किया वेब पोर्टल नारद न्यूज के स्टिंग का पांचवां वीडियो

कोलकाता: वेब पोर्टल नारद न्यूज की ओर से राज्य के मंत्रियों और तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ किये गये स्टिंग ऑपरेशन से उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को इसमें एक और कड़ी जुड़ गयी. भाजपा ने नारद न्यूज के स्टिंग का पांचवां वीडियो रविवार को जारी किया. वीडियो में ममता […]

कोलकाता: वेब पोर्टल नारद न्यूज की ओर से राज्य के मंत्रियों और तृणमूल कांग्रेस नेताओं के खिलाफ किये गये स्टिंग ऑपरेशन से उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार को इसमें एक और कड़ी जुड़ गयी. भाजपा ने नारद न्यूज के स्टिंग का पांचवां वीडियो रविवार को जारी किया. वीडियो में ममता सरकार के कद्दावर शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम और आइपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा को कुछ विवादास्पद बयान देते हुए दिखाया गया है.

प्रभात खबर द्वारा इस वीडियोे का सत्यापन नहीं किया गया है. वीडियो जारी करने के बाद ममता सरकार को घेरते हुए भाजपा महिला मोरचा की अध्यक्ष और उत्तर हावड़ा से भाजपा उम्मीदवार रूपा गांगुली ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह फर्क नहीं पड़ता की किसकी जान गयी या कौन तबाह हुआ, क्योंकि बंगाल में तो किसी भी घटना-दुर्घटना के बाद मुआवाजा देकर मामला रफा-दफा कर दिया जाता है.

रूपा गांगुली द्वारा जारी किया गया वीडियो 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान का है, जिसमें राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहाद हकीम किसी व्यक्ति से यह कहते दिखते हैं कि लोकसभा चुनाव में तृणमूल ने सभी सीटों पर एक-एक करोड़ खर्च किया है. इसके साथ ही अभिनेत्री शताब्दी राय की जीत का दावा करते हुए फिरहाद हकीम कहते हैं कि हमने शताब्दी के इलाके में माकपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को घरों में ही सील कर दिया. उन्हें घर से निकलने नहीं दिया गया. इतना ही नहीं वह यह भी दावा करते दिखते हैं कि हमने 350 मतदान केंद्रों पर माकपा एजेंटों को बैठने तक नहीं दिया. हकीम यह कहते भी देखे गये कि वेबसाइट पर जो भी टेंडर देख लो और हमें बताओ, हम वह टेंडर तुम्हें दे देंगे.

आइपीएस अधिकारी एसएमएच मिर्जा कहते दिखे- मंत्रियों के िलए पैसे लेते हैं
एक दूसरे वीडियो क्लिपिंग में वरिष्ठ आइपीएस अधिकारी सैयद मोहम्मद हुसैन मिर्जा को दिखाया गया है. मिर्जा बैरकपुर पुलिस कमिश्नरेट में उच्च पद पर तैनात हैं. वीडियो में मिर्जा किसी रेस्तरां में यह कहते दिख रहे हैं कि तृणमूल सरकार के मंत्रियों के लिए वह पैसे लेते हैं. चूंकि लोकसभा (2014) का चुनाव है और चुनाव आयोग की नजर है, इसलिए मंत्री खुद रुपये न लेकर उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंप देते हैं. वीडियो में वह एक करोड़ रुपये के लिए ‘वन सीआर’ कोड शब्द का इस्तेमाल करते हैं. सरकारी अमले में अपनी पहुंच का जिक्र करते हुए मिर्जा कहते हैं कि उनके कहने पर स्वपन देबनाथ को राज्य की तृणमूल सरकार में मंत्री बनाया गया, हालांकि उन्होंने इसके लिए रुपये भी दिये. मंत्री पद के लिए किसे रुपये दिये गये, इसका जिक्र वीडियो में नहीं है. वीडियो में वह यह भी कहते दिखते हैं कि उनका एक दोस्त सीबीआइ में वरिष्ठ अधिकारी है. उन्होंने मुकुल राय के साथ उसकी बैठक तय करवा दी है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी का जिक्र करते हुए कहते हैं कि वह उनसे मिलकर सारा काम करा देंगे.

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