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फरमान. सरकार के नये आदेश के बाद अब पौंड में नहीं बिकेगी होमियोपैथ दवा, दुकानदार परेशान

होमियोपैथ इलाज हो सकता है महंगा पहली अप्रैल से सूबे में देशी शराबबंदी पूर्ण रूप से लागू हो गयी है. इसका स्वागत सभी वर्ग के लोग कर रहे हैं. इसको लेकर महिलाओं में विशेष हर्ष देखा जा रहा है. परंतु, इसे लागू करने के दौरान उठाये गये कुछ सख्त कदमों से कहीं, कहीं गरीबों को […]

होमियोपैथ इलाज हो सकता है महंगा

पहली अप्रैल से सूबे में देशी शराबबंदी पूर्ण रूप से लागू हो गयी है. इसका स्वागत सभी वर्ग के लोग कर रहे हैं. इसको लेकर महिलाओं में विशेष हर्ष देखा जा रहा है. परंतु, इसे लागू करने के दौरान उठाये गये कुछ सख्त कदमों से कहीं, कहीं गरीबों को खामियाजा भी उठाना पड़ रहा है. राज्य सरकार ने नये आदेश में कहा है कि होमियोपैथ दवा अब पौंड में नहीं बिकेगी. इससे अंगरेजी दवा छोड़ कर होमियोपैथ दवा पर निर्भर रहनेवाले लोगों को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. हालांकि इस निर्णय के खिलाफ होमियोपैथ डॉक्टर व दवा व्यवसायी हड़ताल पर चले गये हैं.
सीवान : गरीबों की दवा होमियोपैथ, जिससे लोग कम पैसों में अपना इलाज करा लेते हैं. अब यह दवा सरकार की शराबबंदी के आदेश से प्रभावित होने के कारण महंगी हो सकती है. सरकार का फरमान है कि 450 एमएल पौंड में जितनी भी दवा होमियोपैथ के दुकानदारों या डॉक्टरों के पास उपलब्ध है, उसे नष्ट कर दिया जाये. सरकार का मानना है कि होमियोपैथ की दवा एक तरह से अलकोहल है. इस परिस्थिति में 450 एमएल पौंड की जगह 30 एमएल की दवा ही रखनी है.
पौंड की दवा नहीं खरीदने का विभाग का फरमान जारी होने के बाद सभी होमियोपैथ दवा दुकानदार व डॉक्टर चार अप्रैल तक हड़ताल पर चले गये हैं. दुकानदारों व डॉक्टरों का कहना है कि 450 एमएल पौंड की दवा उन्होंने खरीदी है. अगर उन्हें वे नष्ट करते हैं, तो काफी क्षति उठानी पड़ेगी. दुकानदारों का कहना है कि विभाग विदेशी शराब की तरह या तो उनके 450 एमएल की दवा को खरीद ले या दवा खत्म होने तक कुछ दिनों तक मोहल्ल मिले. हालांकि होमियोपैथ दुकानदार संघ ने उच्च न्यायालय में सरकार के आदेश के खिलाफ रिट दायर किया है, जिस पर चार अप्रैल को फैसला आने की उम्मीद है.
छोटे पैक में दवा आने पर मरीजों पर पड़ेगा असर : दुकानदारों का कहना है कि जब पौंड की जगह 30 एमएल में दवा आयेगी, तो स्वाभाविक है कि पैकिंग चार्ज बढ़ने के कारण होमियोंपैथ की दवा महंगी हो जायेगी. एक तरह से देखा जाये, तो होमियोपैथ की दवा गरीब लोग ज्यादा प्रयोग इसलिए करते है कि कम पैसों में किसी भी बीमारी का इलाज करा लेते हैं. वैसे कई असाध्य रोगों में भी होमियोपैथ के द्वारा अचूक इलाज होता है.
विभाग का सख्त आदेश है कि 30 एमएल की शीशी में ही दुकानदार या डॉक्टर दवा की खरीद करेंगे. सरकारी अस्पतालों के लिए विभाग ने थोड़ी छूट दे रखी है. सरकारी अस्पतालों में 120 एमएल की शीशी में दवा की खरीद की जा सकती है. सरकारी अस्पतालों में भी पौंड में दवा खरीदने व रखने पर पाबंदी है.
क्या कहते हैं होमियोपैथ दवा विक्रेता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह
हमलोगों के संघ ने उच्च न्यायालय में सरकार के आदेश के खिलाफ रिट दायर किया है. इस मामले में चार अप्रैल को फैसला आने की उम्मीद है. तब तक सभी दवा दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को बंद कर अपना विरोध जता रहे हैं.

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