पटना : बिहार में शराब पर आंशिक प्रतिबंध में विसंगतियों की आलोचना करते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज नीतीश कुमार सरकार की राज्य में पूरी तरह मद्य निषेध को लागू करने की मंशा पर सवाल उठाया. गौरतलब है कि बिहार में कल से शराब पर आंशिक प्रतिबंध लागू हो गया. उन्होंने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार ने समूचे बिहार में देसी शराब की बिक्री और उपभोग पर प्रतिबंध लगा दिया है लेकिन शहरी क्षेत्रों में 650 खुदरा दुकानों के जरिये विदेशी शराब की बिक्री के कोटे को जस का तस रखा है.
बिक्री कोटा जस का तस
मोदी ने कहा कि इन तथ्यों के मद्देनजर मुझे आश्चर्य है कि क्या मुख्यमंत्री राज्य में मद्य निषेध पूरी तरह लागू करना चाहते हैं. यह भविष्य में देखने की बात है. बिहार में विदेशी शराब के 12 और ब्रांडों को बिक्री की अनुमति देने के अलावा 650 दुकानों के जरिये विदेशी शराब की बिक्री के कोटा को जस का तस रखने के लिए राज्य सरकार की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि यह फैसला भविष्य में पूर्ण मद्य निषेध को लागू करने के लक्ष्य के खिलाफ जाता है क्योंकि शहरी उपभोक्ता विदेशी शराब का सेवन कर सकेंगे जबकि ग्रामीण उपभोक्ता इससे वंचित रहेंगे.
आंशिक प्रतिबंध में खामी
देसी शराब पर प्रतिबंध को लागू करने में खामी पाते हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि उसने शहरी क्षेत्रों में विदेशी शराब खरीदने से ग्रामीण लोगों को रोकने और घर ले जाकर इसका सेवन करने से रोकने के लिए क्या कदम उठाये हैं.
सुशील मोदी ने उठाये सवाल
उन्होंने कहा कि विदेशी शराब विक्रेताओं को ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को शराब बेचने और सीमावर्ती शहरों और टाउनशिप से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में शराब की बिक्री को रोकने के लिए क्या दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं. मोदी ने अल्पावधि में देसी शराब की बिक्री और उपभोग पर प्रतिबंध और दीर्घकाल में पूर्ण मद्य निषेध के लागू होने की सफलता पर भी संदेह जताया. उन्होंने कहा कि बिहार झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के अलावा नेपाल के साथ खुली सीमा साझा करता है. वहां से अवैध आपूर्ति के जरिये मांग की पूर्ति हो सकती है.