मुंबई : महिलाओं के मंदिर में प्रवेश और पूजा पर प्रतिबंध को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने अपना पक्ष हाई कोर्ट में रख दिया है. सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हिंदू पूजा एक्ट को सख्ती से लागू करवाने के लिए महाराष्ट्र सरकार प्रतिबद्ध है. मंदिर में महिलाओं को पूजा करने से रोकना गलत है. सरकार ने कहा कि जिस प्रकार मंदिर में सभी को प्रवेश करने की अनुमति है उसी प्रकार महिलाओं को भी मंदिर में पूजा करने की छूट है उसे कोई छीन नहीं सकता है.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरकार से कहा कि अगर मंदिरों में महिलाओं को प्रवेश नहीं करने दिया जाता है तो सरकार को ऐक्शन लेना चाहिए. यह सरकार का कर्तव्य है कि वह महिलाओं के अधिकार सुनिश्चित करे.
आपको बता दें कि शनि सिंगनापुर मंदिर के परिसर में एक खास स्थल पर महिलाओं का प्रवेश वर्जित है, उन्हें वहां पूजन का भी अधिकार प्राप्त नहीं है. इसी वर्जना को तोड़ने के लिए यह मामला कोर्ट में लंबित है. पिछले दिनों मामले की सुनवाई करते हुए बंबई हाई कोर्ट ने कहा कि शनि सिंगनापुर मंदिर में प्रवेश से महिलाओं को वंचित नहीं किया जा सकता है. किसी भी महिला को वहां जाने से नहीं रोका जा सकता है जहां पुरुष जाते हैं.
कोर्ट ने इस मुद्दे पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को इस मामले में अपना बयान एक अप्रैल को दर्ज कराने का आदेश दिया था. उल्लेखनीय है कि शनि सिंगनापुर मंदिर में एक महिला द्वारा जबरन प्रवेश के बाद यह मामला गरमाया और कोर्ट तक पहुंचा. महिला संगठनों ने इस संबंध में अपनी आवाज बुलंद की कि उन्हें मंदिर के वर्जित स्थल पर प्रवेश मिलना चाहिए.