छलकते जाम की आखिरी रात पर दिखी पियक्कड़ों की भीड़
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शराबबंदी . इतिहास के पन्नों में सिमट गयी देशी शराब
छलकते जाम की आखिरी रात पर दिखी पियक्कड़ों की भीड़ जिले की 207 दुकानों में गुरुवार की आधी रात से लटका ताला शराब के प्रमुख अड्डों की यह रही िस्थति बस स्टैंड के सामने दिन के 2.02 बजे होंगे शराब के कारोबार के लिये नगर परिषद् कंपलेक्स पियक्कड़ों के लिये किसी जन्नत से कम नहीं […]
जिले की 207 दुकानों में गुरुवार की आधी रात से लटका ताला
शराब के प्रमुख अड्डों की यह रही िस्थति
बस स्टैंड के सामने
दिन के 2.02 बजे होंगे शराब के कारोबार के लिये नगर परिषद् कंपलेक्स पियक्कड़ों के लिये किसी जन्नत से कम नहीं है. राह चलते लोग हो या कर्मचारी यहां हर तरह के शराब के ब्रांड लोगों को उपलब्ध हो जाते हैं. इसमें शराब के छह से ज्यादा दुकानें चल रही थी. इसके साथ ही यहां पीने की भी व्यवस्था करोबारियों ने कर रखी है. औसतन यहां रोजाना पांच लाख से अधिक कीमत की शराब की बिक्री की जाती है. हरेक रोज हजोरों की भीड़ दिखने वाली यहां की दुकानों में गुरुवार को नजारा दूसरा ही दिखा है. सामने की सभी दुकानें बंद पड़ी थी. वहीं अंदर में संचालित दुकानों में जो भी दुकान खुली थी. वहां बियर छोड़कर शेष ब्रांड न के बराबर ही थे. शाम में भी दुकानों पर तो पीने वाले आते थे. मगर लौटकर चले जा रहे थे.
ताजपुर रोड : संध्या के 5.12 बजे ताजपुर रोड में शराब की पंद्रह से अधिक दुकानें शराब के व्यापार से जुड़े है. यहां अधिकतर दूकाने खुली थी. दिन के दो बजे तक एक्का दुक्का लोग ही शराब को खोजने आ रहे थे. मगर शाम होते ही शराब के लिये लोगों की भीड़ दूकानों पर उमड़ रही थी. हलांकि यहां 60 एमएल को छोड़कर बड़ी बोतलें लोगों को नहीं मिल रही थी. शाम होते होते लोग शराब की खोज में भटक रहे थे.कई व्यवसायियों का कहना था कि मद्य पर पाबंदी की बात पहले ही पता थी. इसलिये आखिरी स्टॉक होली के समय ही मंगाया था.
मोहनपुर रोड
संध्या 5.36 शहर के मोहनपुर रोड में शराब की छह दुकाने हैं. इसमें एक दुकान पर तो शराब की स्टॉक को खाली करने के लिये विशेष महासेल ऑफर लगाया गया है. जिसमें शराब की पैकजिंग कीमत पर 30 फीसदी तक छूट दी जा रही थी. वहीं दूकान पर पहूंचे रमेश शर्मा ने कहा कि आखिरी दिन होने के कारण सप्ताह भर का स्टॉक ले लिया हूं. जिससे पीने में कोई समस्या नहीं हो. कल से शराब बंदी होने के कारण यहां वहां भटकना पड़ सकता है.
गुरुवार की आधी रात से शराब की बिक्री इतिहास के पन्नों में सिमट कर रह जायेगी.पूरे प्रदेश के साथ ही जिला में भी शराब बंदी को लेकर तैयारियां पूर्ण हो गयी है. ‘
समस्तीपुर : राह पकड़ तू राह चल पा जायेगा मधुशाला. महान कवि हरिवंश राय बच्चन की मधुशाला की उक्त पंक्तियां पीने वालों की ललक को दर्शाती है. मगर एक अप्रैल से शराब की राह सीधे लोगों को हवालात की ओर पहुंचायेगी. सरकार की ओर से शराब पर पाबंदी की घोषणा के साथ ही शराब की निर्माण, बिक्री पर पूर्ण रुपेण पाबंदी लगा दी गयी है. जिले में 207 दूकाने शराब की बिक्री कर रही है.
जिनपर गुरुवार को आधी रात से ताला लटक जायेगी. अंतिम दिन शराब को लेकर लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली.
कहीं लगा महासेल तो कहीं लटके ताले
एक अप्रैल से शराब के कारोबार के बंद होने का असर गुरुवार को ही दिखने लगा. कई शराब दूकानों ने अपने दुकानों पर ताले लटका दिये. वहीं जिस दुकानदार के पास स्टॉक शेष बचा था. उन्होनें अपने स्टॉक को खाली करना ही मुनासिब समझा. क्योंकि सभी शराब को गुरुवार को आधी रात तक नष्ट कर देना है. इसके लिये महासेल ऑफर भी लगया गया है.
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