किशनगंज : चाइल्ड लाइन 1098 महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत द्वारा सरकार संचालित मुसीबत में फंसे बच्चों की मदद के लिए एक आपातकालीन सेवा है जो सरकारी एवं गैर सरकारी संगठनों के साथ मिल कर शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में बच्चों के साथ हो रहे शोषण से मुक्ति के लिए तत्पर है. किशनगंज में चाइल्ड लाइन विगत 2008 से मुसीबत में फंसे बच्चों जैसे लापता बच्चों को खोजने, भटके एवं घर से भागे बच्चों को धर पहुंचाने,
असहाय व बेबस स्वास्थ्य सुविधा से वंचित बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा से जोड़ने के साथ-साथ शोषित बच्चे, तस्करी किये गये बच्चे, काम में लगे बच्चे, देखभाल की जरूरत वाले सभी बच्चों की सहायता करती है. वितीय वर्ष 2015-16 में जिले में चाइल्ड लाइन द्वारा कुल 459 बच्चों को सहायता प्रदान किया गया. घर से भागे व भटके 148 बच्चे को वापस घर पहुंचाया गया. असहाय बेवस स्वास्थ्य सुविधा से वंचित 38 बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा से जोड़ा गया. भागवनात्मक रूप से परेशान 155 बच्चों को भावनात्मक सहारा प्रदान किया गया.
62 बच्चों को बाल तस्करी, बाल मजदूरी, बाल विवाह जैसे सामाजिक बुराईयों से बच्चों को मुक्त कर कई अपराधियों को जेल भेजा गया तथा 43 लापता बच्चों को खोजने का कार्य किया गया, जबकि तीन बेघर बच्चों को जिले से बाहर के अनाथालय में भेजा गया. मालूम हो कि विगत दिसंबर 2014 से चाइल्ड लाइन के नि:शुल्क 1098 कोलकाता कॉल सेंटर से जुड़ने के बावजूद किशनगंज चाइल्ड लाइन के लैंड लाइन नंबर में करीब 15 सौ फौन कॉल प्राप्त हुए. उक्त जानकारी चाइल्ड लाइन के कॉलेज समन्वयक आसिफ सरवर के द्वारा दी गयी.
इस अवसर पर चाइल्ड लाइन के जिला समन्वयक पंज कुमार झा, काउंसलर मो शहाबुद्दीन, टीम सदस्य मनवारूल हक, सवीह अनवर, लीली जायसवाल, शमीमा खातुन, मो जफर अंजुम, सादिक अख्तर एवं नुजहत बेगम उपस्थित थे.