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कोल ब्लॉक घोटाला : रुंगटा बंधुओं को 4 अप्रैल को दोपहर ढाई बजे सुनाई जायेगी सजा

नयी दिल्ली : यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में विशेष कोर्ट ने आज दोषी ठहराये गये रुंगटा बंधुओं की सजा पर सुनवाई करते हुए 4 अप्रैल को सजा का ऐलान किये जाने की बात कही है. 25 मार्च को झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड (जेआइपीएल) और इसके दो निदेशकों […]

नयी दिल्ली : यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान हुए कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में विशेष कोर्ट ने आज दोषी ठहराये गये रुंगटा बंधुओं की सजा पर सुनवाई करते हुए 4 अप्रैल को सजा का ऐलान किये जाने की बात कही है. 25 मार्च को झारखंड इस्पात प्राइवेट लिमिटेड (जेआइपीएल) और इसके दो निदेशकों आरएस रूंगटा और आरसी रूंगटा को दोषी ठहराया गया था. कोल ब्लॉक घोटाले के 39 मामलों में यह पहला मामला है, जिसमें सीबीआइ के विशेष कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए इन्हें दोषी ठहराया है. सीबीआई जज भारत पराशर ने रूंगटा ब्रदर्स और कंपनी को धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के तहत दोषी ठहराया है. कोर्ट ने फैसले में कहा कि इन्होंने गैरकानूनी तरीके से लातेहार स्थित नॉर्थ धादू कोल ब्लॉक को हासिल किया. एक तरफ जहां इन्हें इस मामले में दोषी ठहराया, वहीं फर्जीवाड़ा सहित कुछ अन्य आरोपों से बरी भी कर दिया. कोर्ट के फैसले के बाद जमानत पर चल रहे रूंगटा ब्रदर्स को तुरंत हिरासत में ले लिया गया.

फर्जी दस्तावेज देकर गलत तरीके से हासिल किया था कोल ब्लॉक

इससे पहले सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने कोर्ट को बताया था कि आरोपियों ने गलत और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कोल ब्लॉक को हासिल किया था. रुंगटा बंधुओं ने गलत दस्तावेज के आधार पर लातेहार में नॉर्थ धादू कोल ब्लॉक हासिल किया था. सीबीआई ने जेआइपीएल द्वारा गलत दस्तावेज के आधार पर कोल ब्लॉक आवंटित कराने का आरोप लगाया था. कोर्ट में दाखिल आरोप पत्र में कहा गया था कि कंपनी के निदेशकों ने इलेक्ट्रो स्टील कास्टिंग लिमिटेड, आधुनिक अलॉय पावर लिमिटेड और पवन जय स्टील लिमिटेड के नाम पर कोल ब्लॉक आवंटन के लिए आवेदन दिया था. कंपनी के निदेशकों ने कोल ब्लॉक आवंटित कराने के लिए दिये गये दस्तावेज में गलत ब्योरा दर्ज किया था. कंपनी की ओर से पेश दस्तावेज में कहा गया था कि कंपनी के पास 100 एमटी क्षमतावाला एक भठ्ठी है.

पिछले साल तय हुआ था आरोप

पिछले साल 21 मार्च को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इन तीनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) और 471 (फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल बतौर असली दस्तावेज करना) के अलावा अन्य कई मामलों के तहत आरोप तय किया था. तब इन्होंने अपने खिलाफ आरोपों को गलत बताया था. रुंगटा बंधुओं ने इसी मामले में सुनवाई के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व कोयला मंत्री डीएन राव को भी अभियुक्त बनाते हुए सम्मन करने का अनुरोध किया था. पर अदालत ने विचार के बाद इस अनुरोध को ठुकरा दिया था.

कब क्या हुआ

वर्ष 2013 : सीबीआई ने झारखंड इस्पात निगम लिमिटेड और अन्य के खिलाफ ढाडू कोल ब्लॉक आवंटन के मामले में मामला दर्ज किया.

वर्ष 2014 : सीबीआई ने आइपीसी की धारा के तहत साजिश रचने, फर्जीवाड़ा और धोखधड़ी के मामले में झारखंड इस्पात निगम लिमिटेड, आरएस रुंगटा, आरसी रुंगटा, रामावतार केडिया और नरेश महतो के खिलाफ मामला दर्ज किया.

18 दिसंबर 2014 : अदालत ने सीबीआई की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए सभी आरोपियों को 14 जनवरी 2015 को सम्मन जारी किया.

14 जनवरी 2015 : कोर्ट ने रुंगटा बंधुओं को जमानत दे दिया. सीबीआई ने अदालत को कहा कि इस मामले के आरोपी रामावतार केडिया और नरेश महतो की मौत हो चुकी है.

9 मार्च 2015 : अदालत ने झारखंड इस्पात निगम लिमिटेड और रुंगटा बंधुओं के खिलाफ धारा विभिन्न धाराओं के मामला चलाने का आदेश दिया.

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