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विधायक राजबल्लभ पर नालंदा पुलिस जल्द करेगी चार्जशीट दायर

बिहारशरीफ : नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोपों में घिरे विधायक राजबल्लभ यादव पर नालंदा पुलिस जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में दायर करने वाली है. फिलहाल आरोपित विधायक बिहारशरीफ मंडल कारा में बंद हैं. नालंदा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने बताया कि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया चल रही है. निकट भविष्य […]

बिहारशरीफ : नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोपों में घिरे विधायक राजबल्लभ यादव पर नालंदा पुलिस जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में दायर करने वाली है. फिलहाल आरोपित विधायक बिहारशरीफ मंडल कारा में बंद हैं. नालंदा के पुलिस अधीक्षक कुमार आशीष ने बताया कि कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया चल रही है. निकट भविष्य में इसे पूरा कर लिया जायेगा.एसपी ने बताया कि विधि संगत कार्रवाई के साथ पुलिस अपना काम कर रही है.
यहां बता दें कि पिछले नौ फरवरी को एक नाबालिग लड़की ने नवादा के विधायक राजबल्लभ यादव के खिलाफ स्थानीय महिला थाने में दुष्कर्म से संबंधित एक कांड दर्ज कराया था. इस मामले में पुलिस ने महिला थाना कांड संख्या 15/16 दर्ज करते हुए आइपीसी की धारा 376 व पास्को एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.
क्या होता है पास्को एक्ट : पास्को शब्द अंगरेजी में आता है.इसका पूर्णकालिक मतलब होता है,प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फार्म सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट 2012.हिंदी में इसे लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों के संरक्षण का अधिनियम 2012 कहा जाता है .इसके तहत नाबालिग बच्चों के साथ होने वाले यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है.यह एक्ट बच्चों को सेक्सुअल हैरेसमेंट,सेक्सुअल असॉल्ट और पोर्नोग्राफी जैसे गंभीर अपराधों से सुरक्षा प्रदान करता है.
वर्ष 2012 में बनाये गये इस कानून के तहत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा तय की गयी है.जिसका कड़ाई से पालन किया जाना भी सुनिश्चित किया गया है.इस अधिनियम की धारा 4 के तहत वो मामले शामिल किये जाते हैं जिनमें बच्चे के साथ या कुकर्म किया गया हो,इसमें सात साल सजा से लेकर उम्रकैद और अर्थदंड भी लगाया जा सकता है.पास्को एक्ट की धारा 6 के अधीन वे मामले लाये जाते हैं,जिनमें बच्चों को दुष्कर्म या कुकर्म के बाद गंभीर चोट पहुंचायी गयी हो,इसमें दस साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
इसी प्रकार पास्को अधिनियम की धारा 7 और 8 के तहत वो मामले पंजीकृत किये जाते हैं जिनमें बच्चों के गुप्तांग से छेड़छाड़ की जाती है.इसके धारा के आरोपियों के दोष सिद्ध हो जाने पर पांच से सात वर्ष की सजा और जुर्माना हो सकता है.
पास्को कानून की धारा 3 के तहत पेनेट्रटिव सेक्सुअल असॉल्ट को भी परिभाषित किया गया है.जिसमें बच्चे के शरीर के साथ किसी भी तरह की हरकत करने वाले शख्स को कड़ी सजा का प्रावधान है.18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से किसी भी तरह का यौन व्यवहार इस कानून के दायरे में आ जाता है.यह कानून लड़के और लड़की को समान रूप से सुरक्षा प्रदान करता है.इस कानून के तहत पंजीकृत होने वाले मामलों की सुनवाई अदालत में होती है.

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