प्रति लाभुक को एक जिला कल्याण पदाधिकारी द्वारा सभी बीडीओ से आदिम जनजाति लाभुकों की सूची मांगी गयी. इसमें सारवां बीडीओ ने 43 व सोनारायठाढ़ी बीडीओ ने 17 लाभुकों की सूची उपलब्ध करा दी है. जबकि देवघर व मधुपुर बीडीओ ने अपने-अपने प्रखंडों में आदिम जनजाति के लाभुक उपलब्ध नहीं रहने की रिपोर्ट कल्याण विभाग को भेज दी. शेष मोहनपुर, सारठ, पालोजोरी, करौं, देवीपुर व मारगोमुंडा के बीडीओ ने लाभुकों से संबंधित कोई रिपोर्ट ही विभाग को नहीं भेजी. 20 जनवरी 2016 को भी कल्याण पदाधिकारी ने शेष छह बीडीओ से भी लाभुकों की सूची मांगी गयी, लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर राशि सरेंडर कर दी गयी.
36 बिरसा मुंडा आवास का 23 लाख सरेंडर
देवघर: कल्याण विभाग को आदिम जनजाति (पहाड़िया) के 36 लाभुक जिले भर में नहीं मिला, इस वजह से विभाग ने मार्च में 23 लाख रुपये सरकार को सरेंडर कर दिया. बिरसा मुंडा आवास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 में 96 आवास की स्वीकृति हुई थी. इसके लिए कल्याण विभाग को राशि भी मुहैया करा […]
देवघर: कल्याण विभाग को आदिम जनजाति (पहाड़िया) के 36 लाभुक जिले भर में नहीं मिला, इस वजह से विभाग ने मार्च में 23 लाख रुपये सरकार को सरेंडर कर दिया. बिरसा मुंडा आवास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2015-16 में 96 आवास की स्वीकृति हुई थी. इसके लिए कल्याण विभाग को राशि भी मुहैया करा दी गयी थी.
जिन प्रखंडों से आदिम जनजाति लाभुकों की सूची प्राप्त हुई, वहां बिरसा मुंडा आवास स्वीकृत कर दिया गया. शेष प्रखंडों से सूची नहीं आने पर बची हुई राशि सरेंडर कर दी गयी.
– अगापित टेटे, जिला कल्याण पदाधिकारी, देवघर
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