वर्तमान में रिटायर कर्मचारियों का इलाज टीएमएच में ही होता है और रेफर होने पर सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें अपने खर्च पर इलाज कराना होता था. कर्मचारियों की काफी लंबे समय से यह डिमांड थी कि रिटायरमेंट के बाद ही उन्हें स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत होती है, इसलिए उन्हें रेफर की सुविधा भी दी जाये. जिसके बाद अब कर्मचारियों को पति-पत्नी दोनों के लिए 4700-4700 रुपये का प्रीमियम सालाना जमा करना होगा, जिसके एवज में चार लाख रुपये तक का इलाज टीएमएच के बाहर संभव हो सकेगा.
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टाटा स्टील : कर्मचारियों के हित में तीन बड़े फैसले
जमशेदपुर. टाटा स्टील के कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को तीन बड़े फैसले लिये गये. इन्हें समझौते का रूप देते हुए प्रबंधन की ओर से चीफ एचआरएम चैतन्य भानु, चीफ ग्रुप आइआर जुबिन पालिया, चीफ एचआरएम दीपा वर्मा व यूनियन की ओर से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री बीके डिंडा व […]
जमशेदपुर. टाटा स्टील के कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए मंगलवार को तीन बड़े फैसले लिये गये. इन्हें समझौते का रूप देते हुए प्रबंधन की ओर से चीफ एचआरएम चैतन्य भानु, चीफ ग्रुप आइआर जुबिन पालिया, चीफ एचआरएम दीपा वर्मा व यूनियन की ओर से अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री बीके डिंडा व डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु ने हस्ताक्षर किये.
रिटायरकर्मी: टीएमएच के बाहर भी इलाज
टाटा स्टील के रिटायर कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. नये समझौते के तहत उन्हें टीएमएच की वर्तमान सुविधाओं के साथ-साथ बाहर भी इलाज कराने के लिए मेडिक्लेम की सुविधा मिलेगी. यह मेडिक्लेम सिर्फ पति और पत्नी के नाम से होगा, जिसके तहत एक व्यक्ति को दो-दो लाख रुपये तक की इलाज की सुविधा मिल सकेगी. अगर कोई दंपती चाहे तो एक साथ चार लाख का इलाज एक ही व्यक्ति करा सकता है.
एनएस ग्रेड : अफसर बनना अासान
टाटा स्टील में एनएस ग्रेड के कर्मचारियों को आइएल 6 स्तर का ऑफिसर बनने के लिए रास्ता आसान हो गया है. वैसे कर्मचारी जिनके पास दूसरी कंपनियों में भी चार साल या उससे ज्यादा का कार्य अनुभव है उन्हें वर्तमान में टाटा स्टील में सात साल पूरा करना जरूरी है, इसके बाद ही वे आइएल 6 स्तर के ऑफिसर बनने के लिए आवेदन दे सकते हैं. लेकिन अब नये समझौते के तहत इसकी समय सीमा सात साल से घटाकर पांच साल कर दी गयी है.
समझौता से सबको लाभ : टॉप थ्री
टाटा वर्कर्स यूनियन के टॉप थ्री पदाधिकारी अध्यक्ष आर रवि प्रसाद, महामंत्री बीके डिंडा और डिप्टी प्रेसिडेंट संजीव चौधरी टुन्नु ने संयुक्त रुप से प्रेस को ब्रीफ करते हुए बताया कि इन समझौताें से हर वर्ग को लाभ होगा. इन समझौतों से वे काफी संतुष्ट हैं.
ब्रेस्ट फीडिंग : 90 मिनट का ब्रेक
टाटा स्टील की महिला कर्मचारियों को अपने नवजात बच्चों को दूध पिलाने के लिए 15-15 मिनट का दो ही ब्रेक मिला करता था. यूनियन ने इस समय को अपर्याप्त बताते हुए इसे बढ़ाने का दबाव बनाया. नये समझौते के तहत अब महिला कर्मचारी अपने नवजात को ब्रेस्ट फीडिंग के लिए आठ घंटे की ड्यूटी में 45-45 मिनट के दो ब्रेक या एक साथ 90 मिनट का ब्रेक ले सकती हैं. इससे महिला कर्मचारियों को अपने नवजात की देखभाल करने में काफी सहूलियत हो सकेगी.
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