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कागज पर घोषित हो गया निर्मल प्रखंड

देसरी : बिहार सरकार के द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के माध्यम से लोगों को अपने घर में शौचालय खुद से बनवा लेने के बाद अनुदान के रूप में 12 हजार रुपये समूचे बिहार में दिये जा रहे हैं. लेकिन, देसरी प्रखंड के सैकड़ों लोग इस योजना के तहत लाभ मिलने की आस में अपने […]

देसरी : बिहार सरकार के द्वारा लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के माध्यम से लोगों को अपने घर में शौचालय खुद से बनवा लेने के बाद अनुदान के रूप में 12 हजार रुपये समूचे बिहार में दिये जा रहे हैं.
लेकिन, देसरी प्रखंड के सैकड़ों लोग इस योजना के तहत लाभ मिलने की आस में अपने घरों में शौचालय का निर्माण करा लिया और अनुदान की राशि के लिए कई माह पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी आवेदन भी दे चुके हैं. इसके बाद भी पैसा नहीं मिल रहा है. इस संबंध में बीडीओ अभ्युदय ने बताया कि देसरी प्रखंड को पूर्व में निर्मल प्रखंड घोषित किया जा चुका है. इस कारण इस योजना से राशि नहीं मिल रही है. हालांकि इस संबंध में वरीय पदाधिकारी को लिखा जा चुका है.
खामियाजा भुगत रहे आम लोग : ज्ञात हो कि पूर्व के प्रखंड प्रमुख एवं मुखिया एनजीओ से मिलीभगत कर कागज पर ही शौचालय निर्माण करा दिया गया है.
सभी घरों एवं सामुदायिक स्थल, सरकारी भवन एवं विद्यालयों में शौचालय बना देने की जाली पुष्टि भी कर दी गयी. सभी आम लोगों एवं सरकारी पदाधिकारी-कर्मियों को आंख में धूल झोंकते हुए निर्मल प्रखंड के नाम पर तत्कालीन प्रमुख एवं निर्मल पंचायत के नाम पर तत्कालीन मुखिया को राष्ट्रपति के द्वारा सम्मान पत्र भी दे दिया गया था. इसका खामियाजा आज जनता को भुगतना पड़ रहा है.
एक तो प्रखंड में शौचालय बना नहीं और जब सरकार ने एपीएल-बीपीएल परिवारों को खुद से शौचालय बनाने के बाद अनुदान देना शुरू किया, तो प्रखंडवासी उसमें भी वंचित रह गये. प्रखंड के आम लोगों ने इस निर्मल प्रखंड के झूठे धब्बे को निरस्त कर पुन: शौचालय बनानेवालों को अनुदान राशि दिलाने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की है, ताकि गरीबों को विवश में खुले में शौच करने से मुक्ति मिल सके.

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