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54 साल बाद दो अमान्य डिग्री की मान्यता बहाल

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने 54 साल बाद डीएमसीएच के अमान्य दो डिग्री की मान्यता एक्सक्यूटिव कमिटी की बैठक में बहाल कर दी है. ये दोनों डिग्री की मान्यता देश-विदेश में नहीं थी लेकिन इन डिग्रियों की मान्यता मात्र बिहार में थी. इसको लेकर ऐसे डिग्रीधारी छात्रों को इस डिग्री का लाभ अन्य प्रदेशों में […]

मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने 54 साल बाद डीएमसीएच के अमान्य दो डिग्री की मान्यता एक्सक्यूटिव कमिटी की बैठक में बहाल कर दी है. ये दोनों डिग्री की मान्यता देश-विदेश में नहीं थी लेकिन इन डिग्रियों की मान्यता मात्र बिहार में थी. इसको लेकर ऐसे डिग्रीधारी छात्रों को इस डिग्री का लाभ अन्य प्रदेशों में वर्षों से नहीं मिल रहा था. इस डिग्री की मान्यता बहाल के साथ ही सैंकड़ों छात्र लाभान्वित होंगे. ऐसे कोर्सधारी छात्रों में खुशी की लहर दौड़ गयी है.

दरभंगा : मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने वर्षों से डीएमसीएच के डिप्लोमा इन ट्रॉपिकल मेडिसीन हेल्थ (डीटीएमएच) तथा बायोकेमेस्ट्री विभाग के एमडी कोर्स की मान्यता नहीं दी थी. करीब 50 साल के बाद एमसीआइ ने इन कॉलेज के दोनों डिग्री को मान्यता को लेकर दो बार निरीक्षण किया. इसमें पठन-पाठन एमसीआइ के मानक पर नहीं पाया गया.
एमसीआइ की टीम ने डीएमसीएच प्रशासन को खामियों की पूर्ति करने के लिए पत्र दिया था. इसको लेकर सरकार से लेकर प्राचार्य तक गंभीर हुए और एमसीआइ को पत्र लिखा गया.
इसमें कहा गया कि इन दोनों डिग्री एमसीआइ के मानक पर है. इसके बाद एमसीआइ की टीम ने निरीक्षण के बाद निरीक्षण रिपोर्ट एमसीआइ को सौंपी. एमसीआइ की एक्सक्यूटिव कमिटी की बैठक 25 मार्च को दिल्ली में हुई, जिसमें इन दोनों डिग्री की मान्यता बहाल करने की मुहर लगा दी. तत्काल इसपर अंतिम मुहर एक माह के भीतर लगेगी.
कब हुआ था निरीक्षण
इन दोनों डिग्री के पठन-पाठन का निरीक्षण चार बार हुई. इसमें डीटीएमएच का निरीक्षण 31 मई 2014 एवं 31 सितंबर 2015 को हुआ था. जबकि बायोकेमेस्ट्री के एमडी के पठन-पाठन का निरीक्षण 30 मई 2014 एवं 29 फरवरी 2016 को हुई थी. एमसीआइ के निरीक्षण टीम ने निरीक्षण रिपोर्ट एमसीआइ को सौंपी. इस निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर एक्सक्यूटिव कमिटी की बैठक हुई, जिसमें इन दोनों विभागों के पठन-पाठन को दुरूस्त पाया गया.
कब लगेगी मुहर : एमसीआइ की अंतिम मुहर जेनेरल बॉडी की मीटिंग में लगेगी. इसके बाद यह रिपोर्ट रिकोमेंडेशन के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजा जायेगा, जहां से नोटिफिकेशन जारी होगी.
पांच सालों में आठ अमान्य डिग्री को मिली मान्यता
अभी तक पांच सालों में आठ अमान्य डिग्री की मान्यता मिली है. इसमें इसके पूर्व पांच डिग्री की मान्यता दो साल पहले मिल चुकी है. इसमें हड्डी रोग विभाग के एमएस, रेडियोलॉजी विभाग के एमडी, पीएसएम विभाग के एमडी, मेडिसीन विभाग के एमडी एवं डी ऑर्थो की मान्यता मिल चुकी है. यह मान्यता 2010 से 2012 तक मिली है. इसके बाद 2016 में एमसीआइ की एक्सक्यूटिव कमिटी की बैठक में डीटीएमएच एवं बायोकेमेस्ट्री के एमडी कोर्स की मान्यता बहाल हुई है.

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