पटना : बिहार में एक अप्रैल से होने वाली पूर्ण शराबबंदी को लेकर सरकार ने अपनी तैयारियों की समीक्षा करनी शुरू कर दी है. इसी क्रम में सरकार ने शराब के एडिक्ट हो चुके लोगों के समुचित परामर्श और सलाह के साथ उन्हें शराब के प्रति विमुख करने के लिये डेढ़ सौ डॉक्टरों की एक टीम तैयार की है. यह सभी डॉक्टर उन व्यक्तियों से शराब को हाथ ना लगाने की बात करेंगे,जो शराब की लत के पूरी तरह शिकार हैं. इन डॉक्टरों को सरकार ने सिर्फ इसी काम के लिये चयनित किया है. सरकार की ओर से सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में यह व्यवस्था की है.
राजधानी पटना के एनएमसीएच के नशा विमुक्ति केंद्र में ऐसे शराबियों का इलाज किया जायेगा. पूरी तरह ट्रेंड हो चुके डॉक्टरों की सूची जारी कर दी गयी है. जानकारी के मुताबिक पूरे राज्य में 39 ऐसे नशा विमुक्ति केंद्रों की स्थापना की गयी है. जबकि एक जिला अस्पताल में 10 बेड का एक वार्ड बनाया गया है, जहां शराब की लत वाले मरीजों का इलाज अस्पताल के प्रमुख चिकित्सकों की देख-रेख में होगा. नशा विमुक्ति के लिये प्रशिक्षित चिकित्सकों को एम्स के अलावा बंगलुरू में प्रशिक्षण भी दिया गया है.
यह डॉक्टर शराब से होने वाली सभी बीमारियों का इलाज करेंगे. डॉक्टर मरीजों के उन अंगों का ख्याल रखेंगे जो शराब की वजह से प्रभावित होते हैं. शराबियों को शराब छोड़ने के लिये ट्रेनिंग दी जा रही है.