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शाखा प्रबंधक अपहरण का मास्टर माइंड है अजय

शाखा प्रबंधक के बाईक को अपराधियों ने कई टुकड़ों में काटकर जमीन के अंदर दबा दिया था शिवहर . पुलिस कप्तान स्वापनाजी मेश्राम ने कहा कि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक वृंदावन के शाखा प्रबंधक कृष्ण कुमार के अपहरण मामले का मास्टर माइंड सरवरपुर गांव निवासी अजय सिंह है. जो फिलहाल पुलिस के गिरफ्त से बाहर […]

शाखा प्रबंधक के बाईक को अपराधियों ने कई टुकड़ों में काटकर जमीन के अंदर दबा दिया था

शिवहर . पुलिस कप्तान स्वापनाजी मेश्राम ने कहा कि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक वृंदावन के शाखा प्रबंधक कृष्ण कुमार के अपहरण मामले का मास्टर माइंड सरवरपुर गांव निवासी अजय सिंह है. जो फिलहाल पुलिस के गिरफ्त से बाहर है. उसकी तालाश जारी है. कहा कि उसी ने इस अपहरण की घटना की रूपरेखा तैयार की थी. एसपी शाखा प्रबंधक के सकुशल बरामदगी के बाद समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में बोल रही थी.
कहा कि अपहरण मामले में प्रयोग किये गये अपराधी के एक बाईक एवं शाखा प्रबंधक के बाईक को नगर थाना क्षेत्र के सुगिया कटसरी गांव के अवधेश सिंह के घर से वरामद किया है. शाखा प्रबंधक के बाईक को अपराधियों ने कई टुकड़ों में काटकर जमीन के अंदर दबा दिया था. पुलिस ने इस मामले में घटना के अंजाम देने में संलिप्त सरबरपुर निवासी मुकेश कुमार सिंह व सुगिया कटसरी निवासी नितेश कुमार को गिरफ्तार कर लिया है. नितेश अवधेश का पुत्र है. बताया कि अजय का गिरोह करीब 6 माह पूर्व में भी मथुरापुर कहतरवा ग्रामीण के शाखा प्रबंधक रवि झा के अपहरण के घटना को भी अंजाम दिया था. इस तरह की घटना को अंजाम देने में इसका गिरोह सक्रिय है.
कहा कि यह अपहृत को सरेह में रखता है. वही पुलिस की सक्रियता कम होने का इंतजार करता है. उसके बाद फिरौती की रकम वसुलता है. पुलिस की इस पर चौकस नजर है. पुलिस कप्तान ने कहा कि शाखा प्रबंधक पर अपराधी 50 लाख फिरौती देने की मांग करने का दबाव बना रहे थे. इसी बीच पुलिस की बढ़ती दबिश के कारण उसने शाखा प्रबंधक को हिरम्मा व अठकोनी के बीच मकई के एक खेत में मुक्त कर दिया. कहा कि इस मामले के अनुसंधान में मुजफ्फरपुर
स्वान दस्ता से काफी मदद मिली है. कहा कि विगत 19 मार्च को गोपाल गंज के झझवा अपने गांव लौट रहे थे. इसी क्रम में अपराधियों ने उक्त घटना को अंजाम दिया था. उसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर इस घटना के उद्भेदन हेतु एसआईटी टीम एसडीपीओ प्रीतिश कुमार के नेतृत्व में गठित की गयी. जिसके सक्रियता से इस कांड का उद्भेदन हो सका है. टीम में तरियानी थानाध्यक्ष अनिरूद्ध प्रसाद, अनि संजय सिंह व राजीव कुमार एसटीएफ के चंदन कुमार,डाटा ऑपरेटर मनीष कुमार आदि शामिल थे.
शाखा प्रबंधक ने सुनायी आपबीती
प्रेस वार्ता के दौरान शाखा प्रबंधक ने अपनी आपबीती सुनाते हुये कहा कि जब वे घर जा रहे थे. इसी बीच सेमराहां किसान चिमनी के पास दो वाईक व एक बोलेरों गाड़ी ने ओवर टेक किया. तेज गति से आती वाईक के कारण सड़क पर उड़ती धुल से उनके आंखों के आगे अंधेरा छा गया. इसी बीच अपराधियों में से दो ने उनका बांह पकड़ कर उन्हे बोलेरो गाड़ी में बैठा लिया. इसके पूर्व कि वे कुछ समझ पाते अपराधियों ने उनके चेहरे पर नीला रंग का लेप लगा दिया. उसके बाद इंजेक्सन देकर वेहोश कर दिया. जब आंख खुली तो उन्होने अपने को एक खुले मैदान में पाया.
जहां अपराधी उन्हे सिर उढ़ाने तक नहीं दे रहे थे. विगत सात दिनों में वे खुले मैदान में आसमान के नीचे धुप में जलते रहे है. पल पल मौत की खौफ से जुझते रहे है. जेल से भी बदतर जिंदगी इस सात दिनों में उन्होने जिया है. कहा कि अपराधियों पर जब पुलिस की दबिस बढ़ी. उनके साथी गिरफतार होने लगे. परदा धीरे धीरे उठने लगा तो पुलिस की गोली से मौत का खौफ उन्हे होने लगा. जिससे विवश होकर अपाराधियों ने उन्हे मुक्त किया है.

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