हेलमेट को अनिवार्य करे प्रशासन
भारत में सड़क हादसों में रोजाना औसतन 50 लोगों की मौत हो जाती है, लेकिन सड़क पर सुरक्षित यातायात को लेकर न हम सजग हो रहे हैं और न ही प्रशासन.
सहरसा नगर : भारत में सड़क यातायात को लेकर किये गये सर्वे के अनुसार रोजाना औसतन पचास से ज्यादा लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है. इसमें 70 फीसदी मौत की वजह बाइक राइडर्स का हेलमेट नहीं लगाना व कार चालकों का सीट बेल्ट नहीं बांधना बताया जाता है. कोसी क्षेत्र की बात करें,
तो घरों से रोजगार व अन्यत्र निकलने वाले हजारों लोगों में से एक व्यक्ति वापस लौट कर नहीं आता है. इसके बावजूद सड़क पर सुरक्षित यातायात को लेकर न हम सजग हो रहे हैं और न ही प्रशासन. स्थानीय मुख्य मार्गों पर पुलिस के जवान तैनात तो कर दिये गये है, लेकिन सड़क हादसे में कमी लाने वाले हेलमेट को अनिवार्य बनाने की कवायद नहीं की जा रही है. हादसे के बाद इलाज के नाम पर लोग अपने परिजनों को बचाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर देते हैं.
हेलमेट को करें अनिवार्य: बाइक सवारों के लिए हेलमेट को अनिवार्य कर देने से जिले में वाहन दुर्घटना से होने वाली मौत को कम किया जा सकता है. इसे लागू करने के लिए कड़े मापदंड बनाना आवश्यक है. ज्ञात हो कि अन्य नगरों में बगैर हेलमेट सफर करने वालों के विरुद्ध जुर्माना व दंडात्मक कार्रवाई की जाती है. इससे दिल्ली जैसे महानगरों में खाली सड़कों पर भी लोग हेलमेट का प्रयोग करते हैं.
पुलिस को मिले शक्ति: जिला पुलिस अधीक्षक द्वारा शहर के सभी इंट्री प्वाइंट पर पुलिस चेक पोस्ट बनाये गये हैं, जहां तैनात पुलिस विभाग के अधिकारी वाहनों की लाइसेंस जांच कर खानापूर्ति कर रहे हैं, जबकि शहर के मुख्य मार्गों सहित बाहर के इलाके में हेलमेट को अनिवार्य बनाने के लिए हेलमेट के बिना चलने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध जुर्माना वसूली के नियम लागू भी होना चाहिए.
हमारी और आपकी है जिम्मेवारी : ट्रैफिक इंचार्ज नागेंद्र राम कहते हैं कि समाज के अलावा घर के लोग भी हेलमेट को अनिवार्य करने में प्रशासन की मदद कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि घरों से बगैर हेलमेट निकलने वाले लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. हेलमेट नहीं पहनने वाले लोगों के विरुद्ध पुलिस द्वारा जुर्माना वसूली की कार्रवाई की जा रही है.