नयी दिल्ली/देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस कर खुद के स्टिंग को गलत बताया. उन्होंने कहा कि यह स्टिंग साबित करता है कि बागी विधायक पहले कांग्रेस से भाजपा के साथ पैसे के लिए गये और पैसे के लिए ही वे बातचीत करना चाहते थे. उन्होंने कहा कि सीडी झूठी है.
मुख्यमंत्री रावत ने इस स्टिंग के सूत्रधार का नाम लिये बिना कहा कि जिस व्यक्ति की बात कही जा रही है, वह जब किसी अधिकारीसे पत्रकार के रूप में मिलते हैं तो वे डरे रहते हैं कि पता नहीं किसी चीज का वह क्या फायदा उठायेंगे. यह एक ऐतिहासिक तथ्य है. उन्होंने कहा कि उक्त व्यक्तिका खाक से लेकर मीडिया का मालिक व करोड़ों की संपत्ति का मालिक होना एक रहस्य है. अगर कुबेर की भी कृपा हो तो इतनी जल्दी इतना धनाढ्य कोई नहीं हो सकता, जितनाजल्दी यह महाशय हुए.
हरीश रावत ने कहा कि वह व्यक्ति हर सीएम को अपने दबाव में लेने की कोशिश करता है और जो दबाव में नहीं आते उन्हें ऐसी ही स्थिति से गुजरना पड़ा है. यह बात देहरादून के हर पत्रकार को, हर अहम व्यक्ति को मालूम है. उन्होंने कहा कि बागी विधायक ज्वाइंट फ्रंट के तहत भाजपा के हमसफर बने. हमारी नजर में वे अब कांग्रेस में नहीं है.
रावत ने कहा कि इस संबंध में हमने याचिका दायर की है. एक नापाक गंठबंधन बना है, उत्तराखंड के राजनीतिक लोगों को ब्लैकमेल करने वाले तथाकथित पत्रकार, बागी धनलोलुप विधायक निर्वाचित सीएम का सर कलम करने के लिए तैयार हैं. नरेंद्र मोदी व अमित शाह की सरकारकीउपजयह गंठबंधन है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं राष्ट्रीय मीडिया से अपील करता हूं कि मेहरबानी कर इस व्यक्ति के इतिहास को जरूर खंगालें और मैंने जो कुछ कहा है उसमें सत्यता नहीं होगी तो मैं राष्ट्रीय मीडिया के सामने आकर माफी मांगूंगा.