हैदराबाद : बुधवार को हैदराबाद यूनिवर्सिटी पहुंचे जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर गुरुवार को एक समारोह में चप्पल फेंकने का प्रयास किया गया. कन्हैया को देशद्रोही बताकर उनपर चप्पल खेंकने की कोशिश हुई. इस मामले में दो आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. बुधवार को हैदराबाद पहुंचे कन्हैया कुमार ने रोहित वेमुला के परिजनों से मुलाकात की. इससे पूर्व वे मंगलवार को दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिले. राहुल से कन्हैया की बातचीत घंटों हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुदरैया विघनम केंद्र में कन्हैया छात्रों को संबोधित कर रहे थे, तभी समारोह में दो लोगों ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए कन्हैया कुमार की तरफ चप्पल फेंकने की कोशिश की. हालांकि उन्हें तत्काल वहां मौजूद लोगों ने पकड़ लिया. जिसके कारण वे चप्पल फेंकने में कामयाब नहीं हो सके.
पुलिस ने दोनों युवकों को हिरासत में ले लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है. युवकों की पहचान पवन कुमार रेड्डी और नरेश कुमार के रूप में हुई है. बताया जाता है कि वे बीजेवाईएम के कार्यकर्ता हैं. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही कन्हैया ने भाषण शुरू किया. दोनों ने नारेबाजी शुरू की और कहा कि ‘देशद्रोही’ को बोलने नहीं दिया जाना चाहिए. इस क्रम में कन्हैया पर तीन चप्पल फेंके गये. जबकि हंगामा शांत होने के बाद कन्हैया ने फिर से भाषण शुरू किया.
उल्लेखनीय है कि देशद्रोह मामले में आरोपी कन्हैया कुमार ने बुधवार को हैदराबाद यूनिवर्सिटी कैंपस के बाहर छात्रों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला. कन्हैया कैंपस में वेमुला पर सभा को संबोधित करने वाले थे, लेकिन यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इसकी इजाजत नहीं दी. युनिवर्सिटी के कुलपति ने कहा कि कैंपस के अंदर कैंपस के छात्रों को प्रदर्शन उनका अधिकार है, लेकिन किसी बाहरी व्यक्ति को कैंपस के अंदर किसी भी प्रकार की सभा की इजाजत नहीं दी जा सकती. कन्हैया जब कैंपस पहुंचे को पुलिस ने अंदर प्रवेश करने से रोक दिया. इसके बाद कन्हैया ने कैंपस के बाहर ही छात्रों को संबोधित किया.
कन्हैया को इस्तेमाल कर रही कांग्रेस: भाजपा
कांग्रेस पर कन्हैया कुमार का ‘इस्तेमाल’ करने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने दलित छात्र रोहित वेमुला की खुदकुशी के मुद्दे पर जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष के हैदराबाद दौरे को यूपीए सरकार की उन नीतियों से ध्यान भटकाने की ‘साजिश’ करार दिया जो उसकी मौत के लिए ‘जिम्मेदार’ रहीं. भाजपा ने कन्हैया की तरफ इशारा करते हुए कांग्रेस पर देश विरोधी हरकतों के आरोपियों से हाथ मिलाने का आरोप लगाया और पार्टी से कहा कि वह विश्वविद्यालयों को राजनीति का अखाडा न बनाए. पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार की नीतियों के कारण हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में रोहित वेमुला सहित कई लोगों ने खुदकुशी की. हमारी सरकार ने स्थिति में सुधार सुनिश्चित करने के उपाय किए हैं. अब कांग्रेस देश विरोधी हरकतों के आरोपी के साथ गठजोड कर अपनी नाकामियों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है.’
भाजपा ने कहा कि रोहित से पहले नौ छात्रों ने विश्वविद्यालय में खुदकुशी की थी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही है कि विश्वविद्यालयों में किसी भी छात्र से भेदभाव न होने पाए. शर्मा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह जिस राजनीतिक लडाई को सीधे तौर पर नहीं लड सकती, उसके लिए कन्हैया का इस्तेमाल कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पहले गैर-सरकारी संगठनों और तीस्ता सीतलवाड जैसी कार्यकर्ताओं का इस्तेमाल किया और अब छात्रों का इस्तेमाल कर रही है.
कन्हैया ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन नहीं किया : केजरीवाल सरकार
दिल्ली उच्च न्यायालय में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली अर्जी पर सुनवाई के दौरान आज दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने स्पष्ट तौर पर कहा कि छात्र नेता ने जमानत की किसी शर्त का उल्लंघन नहीं किया है. इस बीच, दिल्ली पुलिस ने अदालत से समय मांगते हुए कहा कि मामले की जांच की जा रही है. पुलिस ने कहा कि तथ्यों को सत्यापित किए बगैर वह कन्हैया की जमानत रद्द करने की मांग करने वाली अर्जियों पर टिप्पणी नहीं कर सकती. पुलिस ने कहा कि वह इस बात की जांच कर रही है कि क्या जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया.
दिल्ली पुलिस ने यह बात तब कही जब दिल्ली सरकार ने साफ तौर पर कहा कि याचिकाकर्ताओं ने ऐसा कोई आधार नहीं दिखाया है जिससे कन्हैया की अंतरिम जमानत रद्द की जा सके. इस मामले में बहस 28 अप्रैल को भी जारी रहेगी. कन्हैया की अंतरिम जमानत रद्द करने की मांग करने वाली अलग-अलग याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि तिहाड जेल से रिहाई के बाद छात्र नेता ने ‘देश विरोधी’ भाषण दिया और जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया.
याचिकाकर्ताओं ने कन्हैया के खिलाफ झूठी गवाही का मुकदमा चलाने की भी मांग की है. बहरहाल, दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने पीठ से यह भी कहा कि राज्य सरकार इस मामले पर फैसला अदालत पर छोडती है. मेहरा ने कहा, ‘यदि अदालत कहती है कि हां जमानत की शर्तों का उल्लंघन हुआ है तो फिर हमें कुछ नहीं कहना है. लेकिन एक भी ऐसा आधार नहीं दिखाया गया है जिससे साबित हो कि जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया गया है.’