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खाकी पर दाग : वायरल हुए वीडियो ने जेल अधीक्षक को कहीं का नहीं छोड़ा

वायरल हुए वीडियो ने जेल अधीक्षक को कहीं का नहीं छोड़ा विजय सिंह पटना : vijay12november@gmail.com ओहदा, वर्दी और मानसिक विकृति का गंठजोड़ हुआ. इससे जिस शख्स की तसवीर बनी, उसका नाम कृपा शंकर पांडेय है. पहले जेलर और फिर प्रमोशन के बाद किशनगंज मंडल कारा के जेल अधीक्षक. रुतबा भी था, कलम में ताकत […]

वायरल हुए वीडियो ने जेल अधीक्षक को कहीं का नहीं छोड़ा
विजय सिंह
पटना : vijay12november@gmail.com
ओहदा, वर्दी और मानसिक विकृति का गंठजोड़ हुआ. इससे जिस शख्स की तसवीर बनी, उसका नाम कृपा शंकर पांडेय है. पहले जेलर और फिर प्रमोशन के बाद किशनगंज मंडल कारा के जेल अधीक्षक. रुतबा भी था, कलम में ताकत भी. जो जिससे छुरी से कट जाये, पांडेय जी वही छुरी चला देते हैं. इश्क मिजाजी पहले उनकी मजबूरी थी, लेकिन जब एक कैदी के साथ अप्राकृतिक यौनाचार करने के बावजूद वह मुंह बंद कराने में सफल रहे, तो यह हरकत उनकी शगल बन गयी. फिर क्या था, शुरू हो गयीं उनकी शातिराना चालें, और घिनौनी हरकतें.
पहले दोस्ती की, फिर डाल दिया इज्ज्त पर हाथ : आठ साल पहले किशनगंज जेल में हत्या के जुर्म में जेल में बंद कैदी से पांडेय जी ने धीरे-धीरे रिश्ते बना लिये. लगाव इतना बढ़ा कि कैदी के घर पांडेय जी का आना-जाना हो गया. नियत के खोटे पांडेय जी की नजर जब कैदी की बेटी पर पड़ी, तो वह अपने और उसके उम्र का फासला भूल गये. करीब 58 साल की उम्र में नाबालिग पर उन्होंने डोरे डालने शुरू किये. दोनों के बीच प्यार और दुलार की जो तसवीर घरवाले देख रहे थे, दरअसल वह तसवीर असली नहीं थी.
घरवाले पांडेय जी के क्रिमिनल टच को शायद समझ नहीं पाये या फिर विरोध की हिम्मत नहीं जुटा पाये. क्योंकि बात रोजी-रोटी की थी.
पांडेय जी उस परिवार के निवाले का माध्यम बन चुके थे. नाबालिग बच्ची के पिता को जेल में खाद्य सामग्री की सप्लाइ का टेंडर देकर उन्होंने उसके परिवार को रोजगार दे दिया था. लेकिन इस बहाने जो वह कर रहे थे, वह सिर्फ चहारदिवारी के अंदर कैद होकर रह जा रहा था. लेकिन पाप का घड़ा, कब तक खाली रहता.
कैमरे में कैद हुई पोल, नंगे हो गये पांडेय जी : 15 मार्च, 2016 शायद यह दिन पांडेय जी का नहीं था. हरकतें तो वह अक्सर करते थे, लेकिन उस दिन इस बात की गवाही मिल गयी. जब वह अपने मित्र कैदी के घर के आंगन में नाबालिग बेटी से अश्लील हरकत कर रहे थे, तब वह इस बात से अनजान थे कि उनकी करतूत कैमरे में कैद हो रही है.
फिलहाल जो तसवीर कैद हुई, उसमें जो गतिविधि देखने को मिली, उससे साफ हो गया कि बड़े ही मजबूती के साथ वह यह हरकत कर रहे थे. क्योंकि वहां महिलाओं व एक-दो बच्चों के आने-जाने की तसवीर भी दिखी है. इन सबके के बावजूद उनकी हरकतें जारी रहती हैं. फिलहाल एक गुप्त हाथों से वीडियो तैयार हुआ, जो सोशल मीडिया पर अपलोड होने के बाद वायरल हो गया. सारी पोल-पट्टी खुल गयी.
किशनगंज महिला थाने में दर्ज हुआ मामला : बात निकली तो दूर तलक गयी. स्थानीय विधायक जावेद अहमद ने विधानसभा में शून्य काल के दौरान मामले को उठाया. इस पर सीएम नीतीश कुमार ने संज्ञान लिया और कार्रवाई का निर्देश दिया.
इसके बाद जिला पदाधिकारी पंकज दीक्षित के निर्देश पर जेल अधीक्षक मामले की जांच कर रहे एसडीओ मो शफीक की लिखित शिकायत पर स्थानीय महिला थाने में गत 16 मार्च को मामले की प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी. जांच में यह बात सामने आयी कि परिवार के सदस्यों को समय-समय पर प्रलोभन स्वरूप कई कीमती सामान भी भेंट करते थे.
पीड़िता के पिता के मंडल कारा में सप्लाइ का काम करने के कारण उन्होंने कृपाशंकर के सारे कुकृत्यों से अवगत रहने के बावजूद घटना का कभी विरोध नहीं किया. हालांकि पुलिसिया पूछताछ के क्रम में पीड़िता व उसकी मां ने दोनों के बीच बाप-बेटी का संबंध होने का भरपूर दावा किया. लेकिन, पुलिस व जांच दल ने उनकी एक न सुनी. वहीं अपने आवेदन में एसडीओ मो शफीक ने पांडे द्वारा पूर्व में कैदी के साथ किये गये अप्राकृतिक यौनाचार व प्रताड़ना का मामला भी दर्ज करा दिया.
इससे स्पष्ट हो गया कि जेल अधीक्षक कृपा शंकर पांडे अपने पद का दुरूपयोग करते हुए गलत आचरण करते हैं तथा पूर्ण रूप से दोषी हैं. नाबालिग के यौनशोषण मामले में आरोपित जेल अधीक्षक कृपा शंकर पांडेय की गिरफ्तारी के बाद उन्हें टाउन लाॅक अप में डालने के बजाय इंस्पेक्टर ने पलंग दे दी, बिस्तर दिया और पूरा वीआइपी इंतजाम किया. इसकी जानकारी जब उच्च पदाधिकारियों को हुई, तो वह टाउन इंस्पेक्टर थानाध्यक्ष आफताब अहमद को गत 17 मार्च को ही पुलिस अधीक्षक ने निलंबित कर दिया गया था, जबकि दो अन्य पुलिस कर्मियों पर भी निलंबन की गाज 18 मार्च को गिर गयी.
जेल अधीक्षक खुद चले जेल : जेल अधीक्षक ने कभी सोचा न होगा कि जिस जेल में वह साहब हैं, उसी में वे कैद हो जायेंगे. एक कैदी की तरह वह जेल के बैरक में होंगे. लेकिन उनके साथ यही हुआ. जेल आइजी आनंद किशोर ने जहां आरोपित जेल अधीक्षक कृपा शंकर पांडेय को निलंबित कर दिया. इनपुट : किशनगंज से अवधेश यादव
वहीं स्थानीय महिला थाना में पांडे के खिलाफ कांड संख्या 8/16 दर्ज कर लिया गया है. भादवि की धारा 376सी/511, 377, 354 ए, 354बी के तहत आरोपित जेल अधीक्षक को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी के न्यायालय में पेश कर दिया गया. वहां से उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में स्थानीय मंडल कारा भेज दिया गया.
इनपुट : िकशनगंज से अवधेश यादव
घटना क्रम
15 मार्च को सोशल मीडिया पर नाबालिग बच्ची के साथ किशनगंज के जेल अधीक्षक कृपा शंकर का आपत्तिजनक वीडियो वायरल हुआ.
15 मार्च को ही जिला प्रशासन ने इसे संज्ञान में लिया और एसडीपीओ कामिनी बाला को जांच के लिए मंडल कारा भेजा गया.
बंद कमरे में हुई पूछताछ, जेल अधीक्षक ने आरोप को किया खारिज, कहा, बाप-बेटी का है रिश्ता16 मार्च काे विधानसभा के शून्य काल में स्थानीय विधायक जावेद आजाद ने मामला उठाया.
सीएम नीतीश कुमार ने मामले का संज्ञान लिया और कार्रवाई के लिए आदेश दिया.
जेल आइजी आनंद किशोर ने जेल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया.
16 मार्च को ही महिला थाने में कांड संख्या 8/16 दर्ज कराया गया. इसमें भादवि की धारा 376सी/511, 377, 354 ए, 354बी के तहत मामला दर्ज किया गया. इसमें कैदी से अप्राकृतिक दुष्कर्म का भी मामला दर्ज किया गया.
गिरफ्तारी के बाद उन्हें टाउन थाने के लॉक अप में रखा गया, अगले दिन न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.लॉक अप में वीआइपी व्यवस्था देने के आरोप में इंस्पेक्टर आफताब अहमद, एएसआइ सच्चिदानंद उपाध्याय व हवलदार हरिनंदन पासवान को निलंबित कर दिया गया.
18 मार्च को निलंबन के आरोप में कुछ लोगों ने धरना-प्रदर्शन किया. इस पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में 13 नामजद व कुछ अज्ञात पर मामला दर्ज किया गया.
एसडीपीओ ने नाबालिग का बयान लिया, जिसमें छेड़खानी की बात सामाने आयी है. लेकिन दोबारा पीड़िता को 164 के तहत बयान कराया गया है. उसने कोर्ट में क्या बोला है, इसका खुलासा नहीं हुआ है.

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