सोमवार को जब पिता की मौत की खबर सुन कर चारों बेटियां घर पहुंचीं, तो पता चला कि अन्य रिश्तेदारों बिरजू महतो, चरका महतो, अरज लाल महतो व सुकर महतो व पूरन महतो ने एक वर्ष पूर्व ही उनकी पूरी जमीन-जायदाद अपने नाम करा ली है. इस बात को लेकर घर पर नोंक-झोंक भी हुई.
बाद में चारों बेटियों पार्वती देवी, रितन देवी, रूसनी देवी व रीता देवी ने निर्णय लिया कि घर पर ही पिता के शव को दफनाया जाये, पर प्रशासन ने समझाया और श्मशान में दफनाने को कहा. तब चारों बहनें पिता की अर्थी को कंधा देकर श्मशान ले गयीं. वहां पर हिंदू रीति-रिवाज से शव का अंतिम संस्कार किया गया. पुत्री रीता देवी ने मुखाग्नि दी. मौके पर गांव के कई लोग मौजूद थे.