बैठने की भी नहीं मिल रही जगह
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परेशानी . यात्रियों से खचाखच भरी ट्रेनें पहुंच रहीं भागलपुर स्टेशन
बैठने की भी नहीं मिल रही जगह होली को लेकर दूसरे राज्यों से आनेवाली ट्रेनों में भीड़ बढ़ गयी है, दूसरे राज्यों में रोजगार और मजदूरी करनेवाले लोग घटर लौटने लगे हैं. इस कारण ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिल पा रहा है. वहीं यात्रियों की भीड़ के कारण स्टेशन पर अव्यवस्था हो गयी है. यात्रियों […]
होली को लेकर दूसरे राज्यों से आनेवाली ट्रेनों में भीड़ बढ़ गयी है, दूसरे राज्यों में रोजगार और मजदूरी करनेवाले लोग घटर लौटने लगे हैं. इस कारण ट्रेनों में आरक्षण नहीं मिल पा रहा है. वहीं यात्रियों की भीड़ के कारण स्टेशन पर अव्यवस्था हो गयी है. यात्रियों के बैठने के लिए जगह कम पड़ने लगी है.
भागलपुर : होली को लेकर ट्रेनों में भीड़ बढ़ गयी है. होली के तीन दिन पूर्व तक आरक्षण की कोई संभावना न देख यात्रियों ने अभी से अपने घरों को जाना व लौटना शुरू कर दिया है. इससे यात्रियों से खचाचाच भरी ट्रेनें भागलपुर पहुंचने लगी है. स्टेशन से लेकर ट्रेनों तक में यात्री सुविधा नदारद है. यात्रियों की भीड़ से स्टेशन पर बैठने तक की दिक्कतें होने लगी है. यात्रियों से भरा प्रतीक्षालय में अब यात्री को जमीन पर बैठना पड़ रहा है.
यात्रियों की सुविधा के लिए लगा कुर्सियान पर एक तरफ जहां पांच यात्रियों के बैठने की जगह है, वहां दोगुनी संख्या में यात्री बैठने को विवश हो गये हैं. गुजरात के विधायक सीआर पाटिल द्वारा लगायी गयी कुरसी भी कमी को दूर नहीं कर सकी है. प्लेटफॉर्म पर लगा पंखा चलता है, लेकिन यात्रियों को राहत नहीं मिल रही है.
यह है कारण कोच नहीं बढ़ाने के
जहां तक जाती है ट्रेन, वहां मेंटेनेंस का जगह नहीं रहता है.
कई स्टेशनों के प्लेटफॉर्म का विस्तारीकरण का नहीं होना
रेलवे की नजर में यात्रियों के कोच की संख्या पर्याप्त रहना
स्टेशन से लेकर ट्रेनों में यात्री सुविधा नदारद
किस ट्रेन में कितनी संख्या में है कोच
भागलपुर-दानापुर इंटरसिटी : 17, भागलपुर
लोकमान्य तिलक : 23, भागलपुर-सूरत : 23, विक्रमशिला : 24, भागलपुर-अजमेर : 21, भागलपुर यशवंतपुर (साप्ताहिक) : 22, गरीब रथ : 18, भागलपुर-मुजफ्फरपुर (जनसेवा) : 12, भागलपुर-रांची : 12, वनांचल : 14, भागलपुर-न्यू दिल्ली (साप्ताहिक) : 21, भागलपुर-बरौनी जंक्शन- जम्मूतवी : 24.
नहीं बढ़ी ट्रेनों में कोच की संख्या
होली पर भीड़ से निबटने के लिए रेलवे ने ट्रेनों के कोच की संख्या नहीं बढ़ायी है. इससे यात्रियों को यात्रा के दौरान परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अतिरिक्त कोच लगते, तो यात्रियों की सुखद यात्रा संभव होती.
यात्रा के लिए ट्रेनों में कम पड़े कोच
विक्रमशिला व जम्मूतवी को छोड़ अन्य सभी ट्रेनों में कोच की संख्या यात्रियों को ढोने के लिए कम पड़ रहा है. यह स्थिति होली को लेकर बनी है और अबतक रेलवे इस ओर ध्यान नहीं दे सका है. यात्रियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती रही है. नतीजा, यात्रियों की बढ़ती संख्या उन्हें लटक कर यात्रा करने को मजबूर कर रही है. रेलवे का मानना है कि पैसेंजर के रिक्वायरमेंट के आधार पर कोच की संख्या बढ़ती और घटती है. रेलवे की नजर में यात्रियों के हिसाब से ट्रेनों में कोच की संख्या पर्याप्त है.
भागलपुर में ठहराव होने वाली लगभग 10 जोड़ी ट्रेनों में कोच की संख्या मानक से कम है. वर्तमान में रेलवे की ओर से 24 कोच की संख्या निर्धारित की गयी है. वनांचल में सात, लोकमान्य तिलक में एक, सूरत में एक, अजमेर शरीफ में तीन, यशवंतपुर में दो, गरीब रथ में छह, जनसेवा में 12, वनांचल में 10, रांची में 12, साप्ताहिक एक्सप्रेस में तीन कोच बढ़ाने की जरूरत है.
गरीब रथ : नहीं बढ़ा रैक, रुला रही ट्रेन
गरीब रथ का रैक अबतक नहीं बढ़ा है. यह ट्रेन दिल्ली की है और एक रैक से यह ट्रेन अप में दिल्ली जाती है और डाउन बन लौटती है, जिससे अक्सर 24 घंटे विलंब से चला करती है. वर्तमान में इस ट्रेन में भी यात्रियों की भीड़ बढ़ गयी है. यह ट्रेन यात्रियों को रुलाने लगी है.
न बैठने की व्यवस्था, न पीने के पानी की सुविधा
पीने के पानी के लिए जगह-जगह लगा स्टैंड पोस्ट का अधिकतर नल सूखा रहने लगा है. जेनरल कोच में यात्री भेड़-बकरी की तरह ठूंसे रहते हैं. पंखे नहीं चलते हैं. भीड़ से यात्रियों को गेट पर लटक कर या फिर शौचालय के समीप खड़े होकर यात्रा करने की मजबूरी है. यह स्थित शनिवार को भागलपुर पहुंचने वाली लोकमान्य तिलक, दिल्ली, सूरत, पटना, कोलकाता आदि से आने वाले ट्रेनों की थी. पटना-मालदा इंटरसिटी, विक्रमशिला एक्सप्रेस आदि ट्रेन में यात्रियों की खचाखच भीड़ थी.
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