डाॅ सत्यार्थ चौधरी ने बताया कि आजकल खाद्य पदार्थों में मिलावट व सब्जियों में रासायनिक छिड़काव व अशुद्ध पानी के सेवन से लोगों में पेट संबंधी समस्या बढ़ती जा रही है.
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गॉल ब्लाडर में फंसे पत्थर का इलाज हुआ संभव
डाॅ सत्यार्थ चौधरी ने बताया कि आजकल खाद्य पदार्थों में मिलावट व सब्जियों में रासायनिक छिड़काव व अशुद्ध पानी के सेवन से लोगों में पेट संबंधी समस्या बढ़ती जा रही है. पूर्णिया : गॉल ब्लाडर के रास्ते में फंसे हुए पत्थर को अब आसानी से पूर्णिया में भी निकाला जा सकेगा. सिलीगुड़ी स्थित पारामाउंट हॉस्पीटल […]
पूर्णिया : गॉल ब्लाडर के रास्ते में फंसे हुए पत्थर को अब आसानी से पूर्णिया में भी निकाला जा सकेगा. सिलीगुड़ी स्थित पारामाउंट हॉस्पीटल के चिकित्सक डाॅ सत्यार्थ चौधरी प्रत्येक महीने के तीसरे रविवार को लाइन बाजार स्थित कुंडी पुल के निकट अलसफा हॉस्पीटल में ऐसे रोगी का इलाज करेंगे. डाॅ चौधरी गेस्ट्रो इंट्रोलोजी एंड हेपेटोलॉजी के विशेषज्ञ हैं. रविवार को इन्होंने दोपहर 11 बजे से 02 बजे तक पेट से संबंधित बीमारियों के दर्जनों रोगी की चिकित्सीय जांच कर उन्हें दवाईयां व परामर्श भी दिया. पहली बार पूर्णिया पहुंचे डाॅ चौधरी ने बताया कि आजकल खाद्य पदार्थों में मिलावट व सब्जियों में रासायनिक छिड़काव व अशुद्ध पानी के सेवन से लोगों में पेट संबंधी समस्या बढ़ती जा रही है.
इसमें गैस, छाती में जलन, कब्ज और पीलिया के अलावा हेपीटाइटीस बी एवं सी रोग है. शराब के सेवन से लीवर पर बुरा असर पड़ रहा है. कभी-कभी ऐसे रोगी को खून की उल्टी व खूनी दस्त होता रहता है. उन्होंने कहा कि पीत की थैली के रास्ते में कभी-कभी पत्थर फंस जाता है, जिसे इआरसीपी विधि से निकाला जाता है. बताया कि यह अब तक पूर्णिया में संभव नहीं था. इस सुविधा से अब कोसी और सीमांचल के गरीब मरीजों को सहूलियत होगी.
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