होली को ले लोगों में असमंज
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पर्व-त्योहार . होली को लेकर सज गये बाजार, कई जगह हुए मिलन समारोह
होली को ले लोगों में असमंज इस वर्ष होली की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है. होली 23 मार्च को है या 24 मार्च को, अब तक स्थिति साफ नहीं है. हालांकि, सरकारी कैलेंडर के अनुसार 23 मार्च को होलिका दहन है और 24 मार्च को होली है. वहीं पंडितों के अनुसार होलिका दहन […]
इस वर्ष होली की तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति है. होली 23 मार्च को है या 24 मार्च को, अब तक स्थिति साफ नहीं है. हालांकि, सरकारी कैलेंडर के अनुसार 23 मार्च को होलिका दहन है और 24 मार्च को होली है. वहीं पंडितों के अनुसार होलिका दहन की तिथि 22 मार्च और होली 23 मार्च को है. उधर, जिले में होली के त्योहार का रंग परवान चढ़ रहा है. बाजार पूरी तरह होली के रंग में रंग चुका है. वहीं दूसरी तरफ कई जगहों पर होली मिलन समारोह का आयोजन किया गया है.
नशा मुक्त होली मनाने का सांसद ने की अपील
मधेपुरा : कुमारखंड के खुर्दा में होली मिलन समारोह के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. मौके पर मधेपुरा लोस के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने कहा कि रंग के पर्व के होली पर अपने अंदर के बुराई को खत्म कर एक दूसरे से मिल कर होली मनाये. वहीं सुपौल लोस की सांसद रंजीत रंजन ने नशा मुक्त होकर एवं सोर्हाद के साथ शांति से होली मनाने की जनता से अपील की. इस मौके पर मिथिला म्यूजिकल ग्रुप दरभंगा के पुनम मिश्रा ने जय जय भैरवी से कार्यक्रम की शुरूआत की. वहीं झारखंड के कलाकारों ने होली गीत जोगीरा सारा रा रा गाया.
क्या है कंफ्यूजन
पंचाग के अनुसार 23 मार्च को शाम के चार बज कर 38 मिनट तक पूर्णिमा है. पूर्णिमा के अनुसार 23 मार्च को ही होली होगी. लेकिन 23 मार्च की रात 07 बज कर 38 मिनट के बाद ही होलिका दहन होगा. पहले होलिका दहन की परंपरा रही है इसलिए होलिका दहन के बाद ही होली मनायी जायेगी.
कहते हैं पंडित
पंडित दुर्गानंद झा ने बताते हैं कि 23 मार्च को पूर्णिमा होने के कारण लोग बुधवार को होली मना सकते है. जबकि बुधवार की रात होलिका दहन होना हैँ. इसके अनुसार लोग 24 मार्च यानी गुरूवार को भी होली मनायेंगे. वहीं पंडित सूर्यनारायण झा ने बताया कि बुधवार की रात समन जलने के बाद गुरुवार को ही होली का त्योहार होगा.
हमेशा दो तिथियों में मनती रही है होली
हर वर्ष ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में दो अलग अलग तिथियों में होली मनायी जाती रही है. लेकिन इस वर्ष दोनों तिथि एक साथ टकरा रही है. पंडित कलानंद ठाकुर का कहते हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में पूर्णिमा के तिथि को देखते हुए होली मनाते है. लेकिन शहरी क्षेत्र में होलिका दहन होने के बाद ही शहरवासी होली खेलते हैं.
बुधवार को ही होली मनाने पर रहेगा जोर : ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में इस वर्ष बुधवार यानी 23 मार्च को होली मनाने पर अधिक जोर रहेगा. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि नानभेज पसंद करने वाले लोग बुधवार को ही होली मनाना पसंद करेंगे. 24 मार्च को गुरूवार होने के कारण नानभेज पसंद करने वालों के लिए होली के रंग में भंग डालेगा.
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