नयी दिल्ली : अभिनेता अनुपम खेर की फिल्म बुद्धा इन ट्रैफिक जेएनयू में दिखायी गयी. इस मौके पर अनुपम खेर समेत कई लोग मौजूद थे. खेर ने इस मौके पर छात्रों को संबोधित करते हुए कन्हैया का नाम लिये बगैर उस पर जोरदार हमला बोला . उन्होंने कहा कि देशविरोधी नारे लगाने वाले कभी देश के हीरो नहीं हो सकते. देश के असल हीरो भगत सिंह और राजगुरू हैं.
खेर ने इस मौके पर मीडिया पर भी तंज कसा उन्होंने कहा कि 99 प्रतिशत लोग जो देश की बात करते हैं कैमरा उनकी ओर ना होकर जो एक व्यक्ति देश के विरोध में बात करता है उसकी ओर फोकस किया जाता है. हमारे लिए सबसे बड़ी बात है देश का निर्माण करना . अनुपम खेर ने जमानत पर हुए कन्हैया और उसके साथियों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनका स्वागत नहीं होना चाहिए.
कन्हैया के उस भाषण पर जिसमें उसने देश से नहीं देश में आजादी की बात कही थी खेर ने कहा, मैं देश को हमेशा अपने घर की तरह से देखता हूं क्या आप ऐसा कह सकते हैं कि मुझे घर से नहीं घर में आजादी चाहिए. कुछ लोग जो यहां है कहते हैं मेरे माता – पिता गरीब है उनके हालात को बदलने की जिम्मेदारी आपकी है. आप अपने घर के लिए देश के लिए क्या कर रहे हैं सवाल उठाना आसान है लेकिन जवाब ढुढ़ना मुश्किल. आप खड़े होकर यह कहते कि मैं देश के लिए यह करूंगा तो आपका कदम सराहना के लायक होता.
अनुपम ने अपना उदाहरण पेश करते हुए कहा कि जिस वक्त मुझे स्कोलशिफ मिली थी मैं 200 रुपये में से 110 रुपये अपने घर भेजता था. अनुपम खेर ने "भारत माता की जय" के विवाद पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि मुझे इस बहस पर ताज्जुब होता है मां तो आखिर मां ही होती है भारत माता के नारे में गलत क्या है. मेरे अंदर के भारतीय को मैं मरते दम तक जिंदा रखूंगा .