पटना : बिहार विधान परिषद में पटना विश्वविद्यालय के कुलपति वाईसी सिमाद्री को लेकर एक बार फिर बहस छिड़ गयी. सत्ता पक्ष और विरोधी दल के सदस्यों ने कुलपति पर पटना विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को आघात पहुंचाने का आरोप लगाया. जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद नीरज कुमार ने शिक्षा से जुड़े इस मसले को प्रभावी तरीके से परिषद के समझ रखा. नीरज कुमार ने कहा कि कुलपति की डिग्री का अवलोकन किया जाये तो वह एक सामान्य नहीं बल्कि असामान्य कुलपति रूप में चिन्हित होते हैं. नीरज कुमार ने कहा कि कोई भी डिग्री पहले संस्था के नाम और बाद में स्थान के नाम से मिलती है. डिग्री में पहले ही किसी देश का नाम नहीं होता है. उन्होंने कहा कि ऐसा डिग्री उन्होंने देखा ही नहीं. जिसमें सारी शैक्षणिक योग्यता के जिक्र और डिग्री की बात से पहले देश की बात की गयी हो.
वहीं दूसरी ओर भाजपा के हरेंद्र प्रताप ने कहा कि उन्हें वह लगभग बीस सालों से कुलपति के रूप में देख रहे हैं. आखिर वह कैसे लगातार कुलपति बने हुये हैं. उन्होंने कुलपतियों की उम्र सीमा तय होने की बात कही. वहीं कांग्रेस पार्टी के एक सदस्य ने कहा कि बिहार के सभी विश्वविद्यालयों का यही हाल है और लोग गलत डिग्री देकर कुलपति बने हुये हैं. इन्हें चुनने वाले कुछ लोग जेल में भी हैं. विधान पार्षद नीरज कुमार ने उच्च शैक्षणिक संस्थानों पर एक बेहतर और गंभीर सवाल उठाया था जिसके जवाब में शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि वह डिग्री मंगवाकर देख लेते हैं. शिक्षा मंत्री ने कहा कि अभी तक कुलपति की उम्र तय नहीं है. इतना ही नहीं सदन में कुलपति सिमाद्री के खिलाफ विधान परिषद में विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव आया जिसे विशेषाधिकारी समिति को सौंप दिया गया.