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उपभोक्ताओं को लगाना पड़ रहा गोदाम का चक्कर
गंभीर बात. जिले में रसोई गैस सिलिंडर की नियमित होम डिलीवरी व्यवस्था चरमरायी जिले में रसोई गैस सिलिंडर की नियमित डिलीवरी नहीं हो रही है. गैस नहीं आने का बहाना बना कर या होम डिलीवरी के नाम पर प्रति सिलिंडर 612 रुपये के बजाय वेंडरों द्वारा उपभोक्ताओं से 650 रुपये तक वसूले जा रहे हैं. […]
गंभीर बात. जिले में रसोई गैस सिलिंडर की नियमित होम डिलीवरी व्यवस्था चरमरायी
जिले में रसोई गैस सिलिंडर की नियमित डिलीवरी नहीं हो रही है. गैस नहीं आने का बहाना बना कर या होम डिलीवरी के नाम पर प्रति सिलिंडर 612 रुपये के बजाय वेंडरों द्वारा उपभोक्ताओं से 650 रुपये तक वसूले जा रहे हैं. एजेंसी में शिकायत करने पर आगे फिर घर पर सिलिंडर पहुंचता ही नहीं है. उपभोक्ताओं को गैस लेने के लिए गोदाम का चक्कर लगाना पड़ रहा है.
नवादा (सदर) : पर्व त्योहार का मौसम आने के साथ ही जिले में रसोई गैस सिलिंडर की नियमित होम डिलीवरी व्यवस्था चरमरा गयी है. रसोई गैस के लिए उपभोक्ताओं को कभी-कभी गोदाम तक का चक्कर लगाना पड़ता है. वहीं गैस नहीं आने का बहाना बनाकर वेंडरों द्वारा होम डिलीवरी के नाम पर उपभोक्ताओं से पैसे वसूले जाते हैं. जबकि विभिन्न तेल कंपनियों ने होम डिलीवरी सहित गैस की कीमत निर्धारित कर रखी है.
इन दिनों जिलों में रसोई गैस प्रति सिलिंडर की कीमत 612 रुपये होम डिलीवरी सहित निर्धारित है. जबकि वेंडरों द्वारा उपभोक्ताओं से होम डिलीवरी के नाम पर 630 से लेकर 650 रुपये तक वसूले जा रहे हैं. इस संबंध में जब उपभोक्ता संबंधित गैस एजेंसियों से शिकायत करते हैं, तो उल्टे उपभोक्ताओं को ही खरी-खोटी सुनायी जाती है. उपभोक्ताओं का कहना है कि होम डिलीवरी के नाम पर वेंडरों द्वारा रुपये मांगे जाने की शिकायत की जाती है, तो वेंडर अगली बार से बहाने बना कर सिलिंडर पहुंचाना ही बंद कर देता है. ऐसी परिस्थिति में घर में अकेली रहनेवाली महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
रसोई गैस की किल्लत को दूर करने के लिए कई बार गैस एजेंसी चलानेवालों द्वारा विभिन्न मुहल्लों में छोटे-बड़े वाहनों को गैस आपूर्ति की जाती है, परंतु ऐसे आपूर्ति करनेवाले एजेंसी कर्मचारी द्वारा घरों तक सिलिंडर नहीं पहुंचाने के कारण महिलाएं गैस की आपूर्ति नहीं ले पाती है. कामकाजी लोग रविवार को ही अपने-अपने घरों में रहते हैं और रविवार को माधुरी श्री भारत गैस को छोड़ कर कोई भी गैस एजेंसी द्वारा रसोई गैस की आपूर्ति नहीं की जाती है. कभी-कभी ज्यादा किल्लत होने पर कुछ गैस एजेंसियां रविवार को गैस की आपूर्ति ग्राहकों के डिमांड पर करती है.
ग्रामीण क्षेत्रों में होती है ज्यादा परेशानी: रसोई गैस की नियमित आपूर्ति नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. एक ओर प्रधानमंत्री द्वारा देश के कई जिलों को धुआं रहित बनाने का लक्ष्य लिया गया है. वहीं विभिन्न गैस एजेंसियों द्वारा नियमित रूप से होम डिलीवरी नहीं किये जाने की दिशा में ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं को एक बार फिर से कोयला व लकड़ी-गोयठा का सहारा लेना पड़ता है.
ग्रामीण क्षेत्रों के उपभोक्तओं ने बताया कि कई-कई दिनों पर रसोई गैस लेकर आनेवाले छोटे वाहनों का संचालक गैस का ट्रक नहीं आने का बहाना बना कर उपभोक्ताओं को भरमाने का काम कर रहे है.
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