दुमका : अखिल भारतीय स्वर्णकार समाज विकास एवं शोध संस्था के आह्वान पर 17 मार्च को आयोजित देशव्यापी बंदी को लेकर बुधवार की शाम दुमका के स्वर्ण व्यवसायियों ने मशाल जुलूस निकाला. इस मशाल जुलूस में विभिन्न राजनीतिक-सामाजिक संगठनों ने भी साथ दिया तथा भारत बंद को लेकर नैतिक समर्थन दिया. शहर के विभिन्न मार्गों से गुजरते हुए यह मशाल जुलूस वापस टीन बाजार पहुंचकर एक नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गयी,
जिसमें सरकार की नीतियों और कर प्रणाली पर आक्रोश जताया गया. कहा गया कि जो एक्साइज ड्यूटी स्वर्ण व्यवसाय में लगाया गया है, उससे इस व्यवसाय को काफी नुकसान पहुंचेगा और इस कुटीर उद्योगों में निर्भर देश के लाखों परिवारों की रोजी-रोटी प्रभावित हो जायेगी. स्वर्ण व्यवसायियों ने इसे काला कानून बताया तथा अविलंब वापस लेने की मांग की. नुक्कड़ सभा को सदान एकता परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा ने भी संबोधित किया और कहा कि ऐसे नियम व कानून जिससे एक बड़ा वर्ग और कारोबार प्रभावित होने वाला है,
उस पर सरकार को विचार करने में देर नहीं करनी चाहिए. जुलूस व नुक्कड़ सभा में श्री वर्मा के अलावा विजय कुमार सोनी, स्वर्णकार संघ के पंकज वर्मा, मानव वर्मा, विजय वर्मा, संदीप वर्मा, बबलू वर्मा, राज वर्मा, जितेन वर्मा, संतोष वर्मा, मनोज वर्मा सहित कई व्यवसायी शामिल थे.