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गालूडीह . 25 लाख की योजना में अनियमितता का विरोध

ग्रामीणों ने जलापूर्ति योजना का काम रोका पंप हाउस में लोकल रड के इस्तेमाल व योजना में काम कर रहे मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं देने के आरोप में ग्रामीणों ने विरोध किया. गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की जोड़सा पंचायत अंतर्गत पीड्राबांद गांव में 25 लाख रुपये की स्वजल धारा योजना में अनियमितता बरतने का […]

ग्रामीणों ने जलापूर्ति योजना का काम रोका

पंप हाउस में लोकल रड के इस्तेमाल व योजना में काम कर रहे मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं देने के आरोप में ग्रामीणों ने विरोध किया.
गालूडीह : घाटशिला प्रखंड की जोड़सा पंचायत अंतर्गत पीड्राबांद गांव में 25 लाख रुपये की स्वजल धारा योजना में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने बुधवार को काम बंद करा दिया. जल एवं स्वच्छता विभाग की ओर योजना चलायी जा रही है. ग्रामीणों ने कार्यस्थल पर विरोध जताते हुए नारेबाजी की. ग्रामीण विक्रम हेंब्रम, गुंजा हेंब्रम, ग्राम प्रधान दुर्गा चरण हांसदा, नव कुमार महतो आदि ने बताया कि पंप हाउस निर्माण में लोकल रड का इस्तेमाल किया जा रहा है. प्राक्कलन के मुताबिक योजना का काम नहीं हो रहा है. यहां काम करने वाले मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं दी जा रही है. इसकी शिकायत करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
योजना से 90 घरों में होगी जलापूर्ति
विभागीय कनीय अभियंता पीके मांझी के अनुसार स्वजल धारा योजना से गांव के करीब 90 घरों में जलापूर्ति होगी. 25 लाख की लागत से पंप हाउस, डीप बोरिंग, जल मीनार, गांव में पाइप लाइन बिछाने का काम होगा. कार्य का संवेदक जेमीनी इंटरप्राइजेज है.
डीप बोरिंग फेल, चापानल से जलापूर्ति: पीड्राबांदा में विश्व बैंक, राज्य सरकार और ग्रामीणों की भागीदारी से स्वजल धारा योजना जमीन पर उतरी है.
विभागीय लापरवाही से गांव में डीप बोरिंग के बजाय पहले के चापानलों से जलापूर्ति की योजना बनायी जा रही है. इसका ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. दरअसल स्वजल धारा योजना के लिए किया गया डीप बोरिंग फेल हो गया. करीब 400 फीट गड्ढा करने के बाद भी पानी नहीं निकला. यहां पहले से दो चापानल है. इससे अब स्वजल धारा योजना के तहत गांव में जलापूर्ति की योजना बनायी जा रही है.

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